×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Supreme Court: चीफ जस्टिस, पीएम और नेता विपक्ष करेंगे चुनाव आयोग की टॉप नियुक्तियां

Supreme Court : यह पैनल मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का चयन तब तक करेगा जब तक कि संसद कानून नहीं लाती।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 2 March 2023 12:17 PM IST (Updated on: 2 March 2023 12:18 PM IST)
supreme court
X

सुप्रीम कोर्ट (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Supreme Court: सुप्रीमकोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में कहा है कि भारत के चुनाव आयोग में टॉप नियुक्तियां एक पैनल द्वारा की जाएंगी जिसमें सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, प्रधानमंत्री और लोकसभा में नेता विपक्ष शामिल होंगे।

ऐतिहासिक फैसला

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश वाला एक पैनल भारत के चुनाव आयोग में शीर्ष नियुक्तियां करेगा। यह पैनल मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का चयन तब तक करेगा जब तक कि संसद कानून नहीं लाती। सुप्रीम कोर्ट ने चयन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता का आह्वान किया है।

संविधान पीठ में सुनवाई

उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्तियों पर स्पष्टता मांगी थी। न्यायालय ने कहा था कि ये पद किसी ऐसे व्यक्ति के पास होना चाहिए जो "खुद को बुलडोज नहीं होने देता।" संविधान पीठ ने नियुक्ति समिति में चीफ जस्टिस को शामिल करने की भी मांग की। पीठ ने कहा कि चीफ जस्टिस का पद को सबसे कम दखल देने वाला है और यह तटस्थता के साथ-साथ निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ, अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार की पीठ भारत के चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रही थी।

क्या कहा अदालत ने

सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि यह कानून तब तक कायम रहेगा जब तक कि संसद द्वारा कानून नहीं बना दिया जाता। न्यायालय ने सरकार से भारत की संचित निधि से भारत निर्वाचन आयोग के वित्त पोषण और अलग सचिवालय की आवश्यकता के संबंध में एक आवश्यक परिवर्तन करने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत का दृढ़ विचार था कि चुनाव आयोग को कार्यपालिका की अधीनता से "एकदम अलग" रहना चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि एक लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब सभी हितधारक, लोगों की इच्छा को दर्शाने के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता बनाए रखने के लिए काम करें।

मीडिया पर निराशा

न्यायालय ने वर्तमान मीडिया की निष्पक्षता पर अफसोस जताया, और कहा:"मीडिया के एक बड़े वर्ग ने अपनी भूमिका को त्याग दिया है और पक्षपातपूर्ण हो गया है।"



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story