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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट से टकराव, किरण रिजिजू ने खुफिया रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर आपत्ति जताई

Supreme Court: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कॉलेजियम की तरफ से खुफिया रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने पर कहा कि यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 25 Jan 2023 8:42 AM GMT
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कानून मंत्री किरेण रिजिजू (Pic: Social Media)

Supreme Court: केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच जजों की नियुक्ति के मुद्दे पर टकराव जारी है। इसी बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कॉलेजियम की तरफ से खुफिया रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने पर कहा कि यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।

आईबी और रॉ की रिपोर्ट

उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति पर इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की एक संवेदनशील रिपोर्ट के कुछ हिस्से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सार्वजनिक डोमेन में डाल दिए गए थे। कानून मंत्री किरण रिजिजू ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा है कि खुफिया एजेंसी के अधिकारी देश के लिए गुप्त तरीके से काम करते हैं और अगर उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है, तो वे भविष्य में इसे लिखने पर दो बार सोचेंगे। यह गंभीर चिंता का विषय है।

समलैंगिक वकील से जुड़ा है मामला

दरअसल, यह पूरा प्रकरण एक समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त करना चाहता है, कॉलेजियम द्वारा केंद्र को भेजी गयी सूची में कृपाल का नाम भी है लेकिन केंद्र ने कृपाल के नाम पर आपत्ति दर्ज कराई थी। केंद्र ने इसके लिए खुफिया एजेंसी रॉ और आईबी की रिपोर्ट का हवाला दिया था जिसमें सौरभ कृपाल के विदेशी पार्टनर को लेकर सवाल खड़ा किया गया है। हालांकि कॉलेजियम ने इन एजेंसियों की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते पहली बार जजों के बारे में दी गईं केंद्र की आपत्तियों और रॉ व आईबी की रिपोर्ट्स को सार्वजनिक कर दिया था। बताया जाता है कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने चार दिनों तक विचार करने के बाद खिफिया रिपोर्ट सार्वजनिक की थी।

कॉलेजियम व्यवस्था

सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति कॉलेजियम प्रणाली द्वारा की जाती है। केंद्र सरकार कॉलेजियम में उपस्थित न्यायाधीशों की सिफारिश पर नए न्यायाधीशों की नियुक्ति करती है। कॉलेजियम ने देश की विभिन्न अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कहा है। लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं सुनाया है। इस कारण कई न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं हो पाती है।

सरकार के साथ टकराव

न्यायपालिका और केंद्र सरकार के बीच कॉलेजियम को लेकर टकराव तब फिर सामने आया जब पिछले नवंबर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कॉलेजियम प्रणाली की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इस प्रथा की मौलिक रूप से त्रुटिपूर्ण आलोचना करते हुए कहा कि कॉलेजियम प्रणाली में न्यायाधीश वकीलों को न्यायाधीश के रूप में नामित करते हैं और इसी तरह पदोन्नति के लिए उन न्यायाधीशों की सिफारिश करते हैं जिन्हें वे जानते हैं। इसके बाद, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी नाराजगी व्यक्त की कि न्यायपालिका संसद को नियंत्रित कर रही है।

इसके बाद कानून मंत्री किरण रिजिजू ने फिर एक बयान में कहा कि भारतीय लोकतंत्र की असली सुंदरता इसकी सफलता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा - केवल वे लोग जो संविधान के प्रावधानों और लोगों के जनादेश की उपेक्षा करते हैं, सोचते हैं कि वे भारत के संविधान से ऊपर हैं।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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