TRENDING TAGS :
सुप्रीम कोर्ट का विवाद 29 जनवरी से पहले हर हाल में सुलझे
सुप्रीम कोर्ट में रोस्टर ड्यूटी विवाद और कुछ संवेदनशील मामलों की सुनवाई विवाद के लंबे खिंचने पर सरकार ही नहीं विपक्षी पार्टियों की भी चिंता बढ़ रही है। सरकार की मुश्किलें आगामी 29 तारीख से आंरभ होने जा रहे बजट सत्र के एकदम पास आने से है क्योंकि तब तक प्रधान
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट में रोस्टर ड्यूटी विवाद और कुछ संवेदनशील मामलों की सुनवाई विवाद के लंबे खिंचने पर सरकार ही नहीं विपक्षी पार्टियों की भी चिंता बढ़ रही है। सरकार की मुश्किलें आगामी 29 तारीख से आंरभ होने जा रहे बजट सत्र के एकदम पास आने से है क्योंकि तब तक प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा व उनके बाद वरिष्ठता के क्रम में चारों जजों का आपसी मनमुटाव दूर नहीं हुआ तो संसद में सत्र में इस मामले पर चर्चा की मांग को रोक पाना सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगा।
दूसरी ओर संसद में विपक्ष के एक नेता ने इस संवाददाता से बातचीत में कहा कि हम कभी नहीं चाहेंगे कि देश की सर्वोच्च अदालत में प्रशासनिक मामलों को लेकर जजों के आपसी विवाद पर संसद में चर्चा में घसीटा जाए। विपक्ष में इस बात पर मोटे तौर पर सहमति कायम हो चुकी है कि जजों के विवाद पर संसद में चर्चा कराने की पहल करने से जहां तक हो बचा जाना ही संसद व लोकतंत्र के हित में है। विपक्ष को भी पता है कि चर्चा के क्रम में ऐसे मामले सामने आने से नहीं रोके जा सकेंगे जिससे न्यायपालिका की छिछालेदर हो। दूसरा अहम मामला यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस दौरान करीब दर्जन भर राजनैतिक तौर पर संवेदनशील मामले लंबित हैं। ऐसे हालात में वे सारे मामले एक- एक करके संसद में चर्चा में आने तय हैं जिनको लेकर प्रधान न्यायाधीश व बाकी न्यायाधीशों में खींचातानी चल रही है।
ज्ञात रहे कि संसद के बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा। दूसरा चरण 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा।
हालांकि गुरुवार को जजों के आपसी विवाद का समाधान नहीं निकल सका। हालांकि सकारात्मक पहलु यह है कि कालोजियम के सभी सदस्य जजों की आपसी बातचीत अभी जारी है। जस्टिस जे चमलेश्वर जोकि चीफ जस्टिस के बाद दूसरे नंबर के वरिष्ठ जज हैं ने कहा है कि हम कतई नहीं चाहते कि यह मामला आगे तूल पकड़े। उन्होंने इस बात पर चिंता जरूर प्रकट की कि हम कुछ निजी व्यक्तियों से जुड़े मामलों को लेकर चिंतित जरूर हैं।