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Delimitation Case: जम्मू-कश्मीर में चुनाव का रास्ता साफ, परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका SC ने की खारिज

Supreme Court On J&K Delimitation: शीर्ष अदालत ने दो कश्मीरियों की ओर से दायर याचिका पर आज फैसला सुनाया। याचिकाओं में कहा गया था कि परिसीमन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ।

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Written By aman
Published on: 13 Feb 2023 4:32 PM GMT (Updated on: 13 Feb 2023 4:32 PM GMT)
Supreme Court On J&K Delimitation:
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Supreme Court On J&K Delimitation: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन (J&K Delimitation) को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सोमवार (13 फरवरी) को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा (J&K Assembly) और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों (J&K Lok Sabha Constituencies) के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन आयोग के गठन के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति एस के कौल (Justice S K Kaul) और न्यायमूर्ति ए एस ओका (Justice A S Oka) की खंडपीठ ने कश्मीर के दो लोगों की ओर से दायर याचिका पर आज फैसला सुनाया। अदालत के इस फैसले पर घाटी के प्रमुख दलों की प्रतिक्रिया आने लगी है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती बोलीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

क्या है मामला?

श्रीनगर के रहने वाले हाजी अब्दुल गनी खान (Haji Abdul Ghani Khan) और मोहम्मद अयूब मट्टू (Mohd Ayub Mattu) की याचिकाओं में कहा गया था कि परिसीमन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। जबकि केंद्र सरकार (Central government), जम्मू-कश्मीर प्रशासन और चुनाव आयोग (EC) ने इस दलील को गलत बताया था। 13 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर नोटिस जारी किया था। तब अदालत ने साफ किया था कि सुनवाई सिर्फ परिसीमन पर ही होगी। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद- 370 हटाने से जुड़े मसले पर विचार नहीं किया जाएगा।

याचिकाकर्ता ने क्या दी दलील?

जस्टिस संजय किशन कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul) और अभय एस ओका की खंडपीठ के सामने याचिकाकर्ता ने दलील दी, कि 'जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए आयोग का गठन संवैधानिक प्रावधानों के हिसाब से सही नहीं हुआ है। परिसीमन में विधानसभा क्षेत्रों की सीमा बदल दी गई है। उसमें नए इलाकों को भी शामिल किया गया है। सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 हो गई है। जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की भी 24 सीटें शामिल हैं।'

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि, 'केन्द्र सरकार को अधिकार और शक्ति है कि वो निर्वाचन आयोग (Election Commission) की सहमति से परिसीमन आयोग यानी डिलिमिटेशन कमीशन बना सकती है। इस बाबत केंद्र सरकार ने अपने अधिकारों का उचित प्रयोग ही किया है।'

कोर्ट ने ये भी कहा

परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस ओका ने कहा, कि 'इस फैसले में किसी भी चीज को संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) के खंड- 1 और 3 के तहत शक्ति के इस्तेमाल का अनुमोदन नहीं माना जाएगा। दो सदस्यीय खंडपीठ ने ये भी कहा कि, 'अनुच्छेद- 370 से संबंधित शक्ति के प्रयोग की वैधता का मुद्दा शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित याचिकाओं का विषय है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद- 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय विचार कर रही है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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