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हनुमान पर कथित टिप्पणी मामले में CM योगी के खिलाफ FIR की मांग पर SC- प्रचार के लिए दाखिल होती हैं ऐसी याचिकाएं

SC News: राजस्थान के अलवर जिले में 2018 में दिए भाषण में मुख्यमंत्री योगी ने कथित रूप से भगवान हनुमान के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। इसी मामले पर याचिका दायर की गई थी।

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Written By aman
Published on: 23 Jan 2023 3:38 PM IST (Updated on: 23 Jan 2023 3:39 PM IST)
CM Yogi News
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CM Yogi Adityanath (Social Media)

CM Yogi News: सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा 2018 में दिए गए एक भाषण पर केस दर्ज करने की मांग ठुकरा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (23 जनवरी) को कहा, कि ऐसी याचिकाएं सिर्फ प्रचार के लिए दाखिल की जाती हैं। दरअसल, ये मामला राजस्थान में दिए गए एक भाषण से जुड़ा है।

राजस्थान (Rajasthan) के अलवर जिले में साल 2018 में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक भाषण दिया था। जिसमें मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कथित रूप से भगवान हनुमान के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने याचिका को पहले ही खारिज कर दिया था। जिसके बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। आज उन्हें वहां से भी झटका लगा है।

जजों ने कहा- इस तरह के मुकदमे सिर्फ सुर्ख़ियों के लिए

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान के अलवर जिले में वर्ष 2018 में चुनाव प्रचार के दौरान कथित आपत्तिजनक भाषण के लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति बी आर गवई (Justice B R Gavai) तथा जस्टिस विक्रम नाथ (Justice Vikram Nath) की बेंच ने कहा कि, वह इस मामले में हस्तक्षेप करने को इच्छुक नहीं हैं। दो जजों की खंडपीठ ने कहा, 'इस तरह के मुकदमे केवल पेज 1 (समाचार पत्रों के) के लिए हैं। जिसे खारिज किया जाता है।'

याचिकाकर्ता पर 5000 जुर्माना

आपको बता दे, याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ सर्वोच्च अदालत का रुख किया था। इसी याचिका को आज खारिज किया गया। साथ ही, याचिकाकर्ता पर 5,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। ये याचिका मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा (Naval Kishore Sharma) ने दायर की थी। याचिकाकर्ता के नवल किशोर के अनुसार, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने 23 नवंबर, 2018 को राजस्थान के अलवर जिले में दिए एक चुनावी भाषण में उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी। याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च अदालत जाने से पहले भाषण के खिलाफ मऊ की जिला अदालत (Mau District Court) में परिवाद दायर किया था, जिसे खारिज कर दिया गया। उन्होंने तब एक उच्च न्यायालय के समक्ष एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसे भी क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के आधार पर खारिज कर दिया गया था।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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