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Delhi Liquor Scam: 10 लाख का मुचलका, थाने में लगानी होगी हाजिरी, SC ने इन शर्तों पर दी सिसोदिया को जमानत

Delhi liquor scam: पीठ ने सुरक्षित फैसला सुनाते हुए कहा कि 'जमानत के मामले में हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट सुरक्षित खेल खेल रहे हैं। सजा के तौर पर जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता।

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Newstrack Network
Published on: 9 Aug 2024 11:04 AM IST (Updated on: 9 Aug 2024 11:52 AM IST)
Delhi liquor scam
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Delhi liquor scam (सोशल मीडिया) 

Delhi liquor scam: जिन दिन का मनीष सिसोदिया को काफी दिनों से इंतजार था, वह दिन 09 जुलाई को आया है। 09 जुलाई की तारीख दिल्ली पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया और पार्टी को को बड़ी राहत लेकर आई है। करीब करीब 17 महीने बाद सिसोदिया जेल से रिहा होने वाले हैं। दिल्ली की आबकारी नीति और धन शोधन से जुड़े अहम मामले में देश की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को आरोपित मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है। हालांकि कोर्ट ने आप नेता को सशर्त जमानत दी है। सिसोदिया को तीन शर्तों पर बेल मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट पर कसा तंज

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुरक्षित फैसला सुनाते हुए कहा कि 'जमानत के मामले में हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट सुरक्षित खेल खेल रहे हैं। सजा के तौर पर जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता। अब समय आ गया है कि अदालतें समझें कि जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद है। कोर्ट नाराजगी जताते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया 17 महीने से हिरासत में हैं और अभी तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है, जिससे उन्हें त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। इन मामलों में जमानत मांगने के लिए उन्हें ट्रायल कोर्ट में भेजना न्याय का मखौल उड़ाना होगा, इसलिए उन्हें रिहा किया जाए।

इन शर्तों पर मिली जमानत

इसके बाद कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को तीन शर्तों पर के आधार पर जमानत दे दी। पहली शर्त है कि उन्हें जमानत के लिए 10 लाख रुपये मुचलका भरना होगा। दूसरी शर्त है, उन्हें दो जमानतदार पेश करने होंगे और तीसरी शर्त यह है कि वह अपना पासपोर्ट सरेंडर करें। जिस समय को सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया को जमानत दी जा रही थी, उस समय ईडी ने उनकी जमानत का विरोध किया। ईडी के वकील ने यह मांग की कि पूर्व मंत्री को दिल्ली सचिवालय जाने से रोकने की शर्त को भी आधार बनाकर जमानत दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने सिसोदिया से ये भी कहा कि वह बाहर आने के बाद गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें।

फैसला पहले से था सुरक्षित

बता दें कि मनीष सिसोदिया के जमानत मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित कर लिया था। तीन दिन बार अपना फैसला सुनाया, जो कि सिसोदिया के पक्ष में आया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में ट्रिपल टेस्ट आड़े नहीं आएगा, क्योंकि यहां मामला ट्रॉयल के शुरू होने में देरी को लेकर है। निचली अदालत ने राइट टू स्पीडी ट्रॉयल को अनदेखा दिया और मेरिट के आधार पर जमानत नहीं दी थी।

जानिए क्या है मामला

बता दें कि सिसोदिया दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिफ्तार किया था। उसके बाद इस मामलें सिसोदिया पर ईडी की शिकंजा कसा। 28 फरवरी 2023 को उन्होंने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। मनीष सिसोदिया दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया ने यह कहते हुए जमानत मांगी थी कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ आप नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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