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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में आज जबरन धर्मांतरण और पूजा स्थल कानून पर होगी सुनवाई, पूरे देश की रहेगी नजर

Supreme Court Hearing Today: इन दो बड़े मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भविष्य में देश की राजनीति को प्रभावित करेगा। यही वजह है कि पूरे देश की नजर आज शीर्ष अदालत पर टिकी रहेगी।

Krishna Chaudhary
Published on: 9 Jan 2023 5:05 AM GMT
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सुप्रीम कोर्ट  (photo: social media )

Supreme Court Hearing Today: देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 9 जनवरी को दो बड़े मामलों पर सुनवाई होगी। ये दो मामले हैं – जबरन धर्मांतरण और पूजा स्थल कानून। दोनों राजनीतिक रूप से काफी संवेदनशील मामले हैं और इस पर सियासी वर्ग काफी बंटा हुआ है। इन दो बड़े मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भविष्य में देश की राजनीति को प्रभावित करेगा। यही वजह है कि पूरे देश की नजर आज शीर्ष अदालत पर टिकी रहेगी।

जबरन धर्मांतरण पर होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने की याचिका पर सोमवार को एकबार फिर सुनवाई होगी। यह जनहित याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है। सर्वोच्च न्यायालय ने 5 दिसंबर को इस मामले पर सुनवाई करते हुए जबरन धर्मांतरण को देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया था। 12 दिसंबर 2022 को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वो सभी राज्यों से चर्चा कर हलफनामा दाखिल करे। जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ गुजरात सरकार शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर कर चुकी है। इसमें जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने का समर्थन किया गया है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।

पूजा स्थल कानून पर सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के कारण पूजा स्थल कानून 1991 सुर्खियों में है। इस कानून के प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की बेंच कर रही है। पूजा स्थल कानून को लेकर पिछली सुनवाई 14 नवंबर 2022 को हुई थी। पिछले सुनवाई ने केंद्र सरकार ने कोर्ट से इस मामले में हलफनामा दायर करने के लिए और समय की मांग की थी। जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार करते हुए 12 दिसंबर तक सभी वादियों को हलफनामे की कॉपी देने का निर्देश दिया था। साथ ही सुनवाई की अगली तारीख 9 जनवरी 2023 को तय की थी।

बता दें कि पूजा स्थल कानून के मुताबिक, धार्मिक स्थलों के 15 अगस्त 1947 के स्वरूप को बदलने के लिए मुकदमा दायर नहीं किया जा सकता है। हालांकि, रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद को इस कानून से छूट मिली हुई थी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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