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Swati Maliwal Case: ‘ऐसे गुंडे को CM आवास में कौन रखता है’, स्वाति मालीवाल केस में बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट की लताड़

Swati Maliwal Case: बिभव कुमार की जमानत याचिका का मामला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लगा। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से चीजें घटित हुई हैं, उससे हम स्तब्ध है. क्या सीएम का बंगला निजी आवास है?

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Newstrack Network
Published on: 1 Aug 2024 1:10 PM IST
Swati Maliwal Case
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Swati Maliwal Case (सोशल मीडिया) 

Swati Maliwal Case: देश की शीर्ष अदालत में गुरुवार को आम आदमी पार्टी (AAP) स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। मारपीट को लेकर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिभव कुमार को कटी फटकार लगाई, साथ ही कड़े लहजे में कोर्ट ने बिभव कुमार से यह तक कह दिया कि आपको एक महिला से ऐसा बर्ताव करते शर्म नहीं आई? क्या ऐसे गुंड़ों को मुख्यमंत्री कार्यालय में रखने की आवश्यकता है। कोर्ट ने दिल्ली पुसिल को नोटिस जारी कर बिभव की जमानत अर्जी पर जवाब मांगा है। कोर्ट अगली सुनवाई 7 अगस्त को करेगा।

कोर्ट का रूख सख्त

बिभव कुमार की जमानत याचिका का मामला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लगा। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से चीजें घटित हुई हैं, उससे हम स्तब्ध है. क्या सीएम का बंगला निजी आवास है? क्या ऐसे गुंडों को रखने के लिए उस कार्यालय की आवश्यकता है? क्या यही तरीका है? हम हैरान हैं. सवाल यह है कि यह कैसे हुआ। मालीवाल ने उसे रुकने के लिए कहा लेकिन वह आदमी नहीं रूका। वह क्या सोचता है ? क्या उसके सिर में शक्ति सवार है ?

पीठ ने कहा कि आप पूर्व सचिव थे। अगर पीड़िता को वहां रहने का अधिकार नहीं था, तो आपको भी वहां रहने का अधिकार नहीं था। आपने ऐसा दिखाया जैसे कोई गुंडा परिसर में घुस आया हो। आपको ऐसा करने में कोई शर्म आती है। कोर्ट ने कहा कि स्वाति मालीवाल एक युवा महिला है। क्या आपको लगता है कि उस कमरे में मौजूद किसी को भी बिभव के खिलाफ कुछ भी कहने की हिम्मत हुई होगी?

किस तरह से घटनाक्रम चिंता का कारण

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बिभव कुमार की कोर्ट मे दलीलें रखीं। सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में तीन दिन बार एफआईआर दर्ज कराई गई। कोर्ट ने चार्जशीट के बारे में पूछा तो अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जिस आदेश को हमने चुनौती दी है, उसके बाद चार्जशीट दाखिल हुई है। बिभव की जमानत के लिए सिंघवी ने हत्या के दो मामलों में अरोपी को मिली बेल का हवाला दिया को कोर्ट ने सिंघवी को भी कड़ी फटकार लगाई, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'हमें उन मामलों का हवाला ना दें, क्योंकि यहां किस तरह से घटनाक्रम हुआ वो हमारी चिंता का कारण है।

सिंघवी की दलीलें खारिज

जस्टिस सूर्यकांत ने आगे कहा कि आपको एक महिला से ऐसा बर्ताव करते शर्म नहीं आई? हम कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों को भी जमानत देते हैं, लेकिन इस मामले में किस तरह की नैतिक दृढ़ता है? सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि स्वाति मालीवाल ने पहले दिन पुलिस के पास गईं लेकिन कोई शिकायत दर्ज नहीं कराईं, इस जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि क्या मालीवाल ने 112 पर कॉल किया? अगर हां तो यह आपके दावे को झूठा साबित करता है कि उसने मनगढ़ंत कहानी गढ़ी। सिंघवी ने भी कोर्ट के सामने स्वीकार्य किया, वह सीएम आवास गई थीं।

हाई कोर्ट से भी मिला था झटका

सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने हर बात को सही तरीके से सुना है। बता दें कि 12 जुलाई को हाई कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इसके खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उनका 'काफी प्रभाव' है और उन्हें राहत देने का कोई आधार नहीं बनता.

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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