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Arvind Kejriwal: रिहाई के बाद भी CM केजरीवाल नहीं लें सकेंगे फैसले! जानिए पूरा मामला

Arvind Kejriwal Interim Bail: सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर अंतरिम जमानत दी जाती है, तो केजरीवाल को कुछ शर्तों को पालन करना होगा। जानिए क्या शर्तें लगाई गई हैं।

Viren Singh
Published on: 10 May 2024 11:44 AM GMT
Arvind Kejriwal Interim Bail
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Arvind Kejriwal Interim Bail (सोशल मीडिया)

Arvind Kejriwal Interim Bail: सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली की आबकारी नीति के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार होने के बाद राजधानी के तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भले ही अंतरिम जमानत मिल गई हो, लेकिन वह इस दौरान मुख्यमंत्री होने के बाद भी एक आदमी की तरह ही रहेंगे। कोर्ट ने दिल्ली के सीएम को अंतरिम बेल देते हुए कुछ शर्तें लगा दी हैं, जिसके बाद वह प्रकार के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। मसलन अरविंद केजरीवाल सीएम ऑफिस नहीं जाएंगें और न कोई सरकारी फाइल में साइन करेंगे इत्यादि। तो आइये आपको बताते हैं कि शीर्ष अदालत ने केजरीवाल के ऊपर क्या शर्तें लगाई हैं?

1 जून तक मिली जमानत, जारी रहेगी सुनवाई

देश की शीर्ष अदालत शुक्रवार को केजरीवाल की ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी। यह जनातम केजरीवाल को लोकसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव प्रचार को लेकर दी। इससे पहले केजरीवाल को ईडी की गिरफ्तारी की चुनौती याचिका के मामले पर निचली अदालत और उच्चतम अदालत से झटका मिला था। दोनों की कोर्ट ने केजरीवाल की इस याचिका को खारिज करते हुए ईडी की गिरफ्तारी को वैध करार दिया था। हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद केजरीवाल ने इस पर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था और शीर्ष अदालत इस मामले पर सुनवाई करते हुए केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम बेल दे दी। हालांकि शीर्ष अदालत में यह सुनवाई अभी भी जारी है। SC ने अंतरिम आदेश में कहा कि हम अगले सप्ताह बहस पूरी करने की कोशिश करेंगे। यदि संभव हुआ तो हम फैसला सुनाने की कोशिश करेंगे।

इन शर्तों पर मिले जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर अंतरिम जमानत दी जाती है, तो केजरीवाल को कुछ शर्तों को पालन करना होगा। जानिए क्या शर्तें लगाई गई हैं।

केजरीवाल पर कोर्ट की कुछ शर्तें

  • केजरीवाल दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे
  • केजरीवाल आबकारी घोटाले केस के किसी गवाह से नहीं मिलेंगे
  • केजरीवाल सीएम दफ्तर भी नहीं जाएंगे
  • केजरीवाल किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे
  • वह केस पर अपनी भूमिका के बारे में बयान नहीं देंगे
  • वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त न हो
  • 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

ईडी बोली- चुनाव प्रचार संवैधानिक अधिकार नहीं

हालांकि कोर्ट में ईडी ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत देने पर विरोध किया। इसके लिए 9 मई को ईडी ने कोर्ट ने एक नया हलफनामा दाखिल किया। इसमें ईडी ने कहा आज तक किसी भी राजनेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतिरम जमानत नहीं मिली है। चाहे जेल में बंद उम्मीदवार क्यों न हो। यहां पर केजरीवाल तो कोई उम्मीदवार भी नहीं है। ईडी ने ये भी कहा कि ऐसे कई अपराधी हैं जो जेल में रहते हुए चुनाव डाले और जीते भी, लेकिन उन्हें किसी भी आधार में जमानत नहीं मिली। चुनाव प्रचार न तो संवैधानिक अधिकार है और न ही किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार। यदि ऐसा होता है तो कानून का उल्लंघन करने वाला हर अपराधी को राजनीतिज्ञ बनने और हर साल चुनाव के मोड में रहने का प्रोत्साहन मिलेगा।

21 मार्च को हुए थे गिरफ्तार

बता दें कि आबकारी घोटाले मामले में ईडी 9 समन जारी होने के बाद अरविंद केजरीवाल को आवास पर लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 22 मार्च से लेकर 1 अप्रैल तक केजरीवाल ईडी के रिमांड पर थे। बाद में कोर्ट ने उन्हें 1 अप्रैल से न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। तब लेकर आज तक वह दिल्ली की तिहाड जेल में बंद हैं। हालांकि 10 मई को केजरीवाल को जमानत मिल गई।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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