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भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा - विज्ञापनदाता के साथ ही सेलिब्रिटी भी जिम्मेदार

Misleading Advertisement Case : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भ्रामक विज्ञापन के लिए सेलिब्रिटी भी उतना ही जिम्मेदार हैं, जितना उसे तैयार करने वाली कंपनी।

Rajnish Verma
Written By Rajnish Verma
Published on: 7 May 2024 6:20 PM IST (Updated on: 7 May 2024 7:06 PM IST)
भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा - विज्ञापनदाता के साथ ही सेलिब्रिटी भी जिम्मेदार
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Misleading Advertisement Case : पतंजलि की ओर से अपनी दवाओं को लेकर जारी किए गए भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए तीखी टिप्पणी की है। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भ्रामक विज्ञापन के लिए सेलिब्रिटी भी उतना ही जिम्मेदार हैं, जितना उसे तैयार करने वाली कंपनी। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए शर्तें भी लागू की हैं। वहीं, इसी मामले में पंतजलि के संस्थापक बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को भी झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग को खारिज कर दिया है।

भ्रामक विज्ञापन मामले में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्ला की बेंच ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए शर्तें भी लागू कर दी है। बेंच ने कहा कि अब मीडिया में कोई भी विज्ञापन तभी प्रकाशित और प्रसारित होगा, जब तक विज्ञानपनदाता विज्ञापन के प्रकाशन और प्रसारण के पहले सेल्फ डिक्लेरेशन नहीं दे देता है।

मीडिया चैनलों को सेल्फ डिक्लेरेशन भी प्रसारित करना होगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय से FSSAI की ओर से की गई शिकायतों पर हुई कार्रवाई का डाटा भी मांगा है।

पेशी से छूट देने की मांग खारिज

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को चेतावनी देते हुए कहा कि जिन उत्पादों का लाइसेंस निरस्त किया गया है, वह बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं रहने चाहिए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग को खारिज कर दिया है। पीठ ने कहा कि सिर्फ आज के लिए पेशी से छूट दी गई थी।

आईएमए के अध्यक्ष को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने आईएमए के अध्यक्ष को नोटिस भेजते हुए अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। ये नोटिस सुप्रीम कोर्ट पर कथित टिप्पणी को लेकर भेजा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी।

Rajnish Verma

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वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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