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किसान आंदोलन से दिल्ली बाॅर्डर ब्लाॅक, SC ने मांगा केंद्र से जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि नोएडा से दिल्ली के बीच की सड़क खाली कराई जाए। 

Newstrack
Published on: 30 March 2021 5:37 PM IST
किसान आंदोलन से दिल्ली बाॅर्डर ब्लाॅक, SC ने मांगा केंद्र से जवाब
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सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर देश भर के किसान राजधानी दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। जिसको लेकर लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी समस्या को लेकर एक महिला ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि नोएडा से दिल्ली के बीच की सड़क खाली कराई जाए।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

किसानों के डटे रहने को लेकर लोगों को दिल्ली आने-जाने में परेशानी होती है। जिसको लेकर नोएडा की मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किए हैं। और यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि नोएडा से दिल्ली के बीच की सड़क को खाली रखा जाए ताकि लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में परेशानी न हो।

महिला की गुहार

जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने मोनिका अग्रवाल की याचिका पर केंद्र और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया। अपनी इस याचिका में मोनिका ने सुप्रीम कोर्ट से रास्ता खुलवाने की गुहार लगाई और कहा कि जहां पहले नोएडा से दिल्ली तक आने जाने में 20 मिनट लगते, वहीं अब रास्ता बंद होने के कारण दो घंटे लग जाते हैं।

उन्होंने कहा कि वह सिंगल पैरेंट्स होने के साथ-साथ कई बीमारियों से भी ग्रस्त हैं, ऐसे में उनका नोएडा से दिल्ली जाना एक बुरा सबक बनता जा रहा है। मोनिका नोएडा में रहती हैं और यहां काम करती हैं, लेकिन उनका काम मार्केटिंग का है, जिसके चलते उन्हें अक्सर दिल्ली जाना पड़ता है।

याचिकाकर्ता का दावा

याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से रोड को क्लीयर रखने के दिए गए कई निर्देशों के बावजूद अभी भी रास्ते बंद हैं, जिससे हजारों लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

वहीं इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक प्रशासनिक विफलता है और इसके लिए अदालत पहले ही आदेश दे चुकी है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।

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