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भारत की स्थिरता बनाए रखने के लिए संविधान में मजबूत केन्द्र की व्यवस्था की गई: न्यायूमर्ति चंद्रचूड़
उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि भारत की स्थिरता को संरक्षित करने के लिए संविधान में मजबूत केन्द्र की व्यवस्था की गई क्योंकि राष्ट्र बाधाओं के बीच स्वतंत्र हुआ था।
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि भारत की स्थिरता को संरक्षित करने के लिए संविधान में मजबूत केन्द्र की व्यवस्था की गई क्योंकि राष्ट्र बाधाओं के बीच स्वतंत्र हुआ था।
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प्रसिद्ध न्यायविद नानी पालखीवाला की जन्मशती के मौके पर यहां आयोजित दूसरे ‘नानी पालखीवाला व्याख्यान’ के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि औपनिवेशिक उत्पीड़कों के खिलाफ स्वतंत्रता संघर्ष के परिणामस्वरूप संविधान बना और यह बंटवारे के घटनाक्रमों तथा इस दौरान हुए अतिक्रमण से प्रभावित है।
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भारत बंटवारे की बाधाओं के नजरिये से स्वतंत्र हुआ
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘भारत बाधाओं के बीच स्वतंत्र हुआ। भारत ऐसे समय नये राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया जब संदेह था कि वह राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ पाएगा या नहीं। भारत बंटवारे की बाधाओं के नजरिये से स्वतंत्र हुआ।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, संविधान के मूल रूप में मजबूत केन्द्र का अवधारणा रखी गई जहां एक राष्ट्र की स्थिरता को संरक्षित रखने की जरूरत थी।’’
(भाषा)