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Ayodhya: राम मंदिर का ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले जजों को मिला निमंत्रण, रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बनेंगे साक्षी
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है। इस समारोह में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट के उन जजों को भी न्योता मिला है जिन्होंने 2019 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
Ayodhya News: अयोध्या राम मंदिर का ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले सर्वोच्च अदालत के माननीय न्यायाधीशों को भी प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक समारोह में उपस्थित होने का आमंत्रण पत्र शुक्रवार (19 जनवरी) को दिया गया। पांचों जज अभिषेक समारोह के लिए राज्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किये गये हैं। आमंत्रितों जजों में पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और शीर्ष वकीलों सहित 50 से अधिक न्यायविद भी शामिल हैं। इनमें पूर्व CJI रंजन गोगोई, पूर्व CJI शरद अरविंद बोबडे, CJI डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर के नाम शामिल।
ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले जजों को मिला न्योता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राम मंदिर से जुड़े ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले पांच न्यायाधीशों के अलावा पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों तथा प्रमुख वकीलों सहित 50 से अधिक न्याय क्षेत्र से जुड़े हस्तियों को 22 जनवरी के लिए आमंत्रित किया गया है।
इन न्यायाधीशों ने सुनाया था फैसला?
गौरतलब है कि, 9 नवंबर, 2019 को तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Chief Justice Ranjan Gogoi), पूर्व सीजेआई एसए बोबडे, वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) और पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण तथा न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर (Justice S Abdul Nazeer) की पांच सदस्यीय बेंच ने राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था।
मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन
सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने अपने आदेश में श्रीराम जन्मभूमि (विवादित भूमि) रामलला को दी थी। मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए सरकार को पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया था।
7 हजार से अधिक लोगों को निमंत्रण
आपको बता दें कि, रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सात हजार से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है। इनमें तीन हजार से अधिक वीवीआईपी, पुजारी, दानदाता और राजनेता शामिल हैं।