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जस्टिस काटजू को SC से नहीं मिली राहत, बापू को ब्रिटिश तो बोस को बताया था जापानी एजेंट

aman
By aman
Published on: 15 Dec 2016 7:37 AM GMT
जस्टिस काटजू को SC से नहीं मिली राहत, बापू को ब्रिटिश तो बोस को बताया था जापानी एजेंट
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू को गुरुवार (15 दिसंबर) को भी राहत नहीं दी। उनकी याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि संसद के दोनों सदनों की ओर से उनके खिलाफ जारी किया गया निंदा प्रस्ताव बना रहेगा।

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश काटजू ने अपने ब्लॉग में महात्मा गांधी को ब्रिटिश और सुभाष चंद्र बोस को जापानी एजेंट बताया था।

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कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

इस मामले में संसद के दोनों सदनों ने काटजू के खिलाफ निंदा प्रस्ताव जारी किया था। काटजू ने निंदा प्रस्ताव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें गुरुवार को भी कोई राहत नहीं दी। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने मांग की थी कि जस्टिस काटजू की याचिका खारिज होनी चाहिए।

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शुरू होगी गलत परंपरा

मुकुल रहोतगी ने कोर्ट से कहा कि जस्टिस काटजू के विचार पर संसद के दोनों सदनों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की है। उनका कहना था कि अगर इस तरह के मामले की सुनवाई सर्वोच्च अदालत करेगी तो यह गलत परंपरा होगी। संसद में हुई कार्यवाही को न्यायिक समीक्षा के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि जस्टिस काटजू ने अपने ब्लॉग में महात्मा गांधी को ब्रिटिश और सुभाष चंद्र बोस को जापान का एजेंट बताया था। जस्टिस काटजू का कहना था कि बिना उनका पक्ष जाने संसद ने उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया, जो उचित नहीं है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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