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सुप्रीम कोर्ट ने मवेशी बिक्री संबंधी अधिसूचना पर केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने वध के लिए मवेशियों की बिक्री पर प्रतिबंध संबंधी अधिसूचना को चुनौती देती एक याचिका पर गुरुवार को केंद्र से जवाब मांगा।

tiwarishalini
Published on: 15 Jun 2017 2:13 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने मवेशी बिक्री संबंधी अधिसूचना पर केंद्र से मांगा जवाब
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सुप्रीम कोर्ट ने मवेशी बिक्री संबंधी अधिसूचना पर केंद्र से मांगा जवाब

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वध के लिए पशुओं की खरीद- फरोख्त पर पाबंदी तथा मवेशियों के परिवहन के विनियमन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को केंद्र सरकार से इसपर जवाब मांगा।

बीते 23 मई को केंद्र सरकार द्वारा जारी दो अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता ऑल इंडिया जमीतुल कुरेश एक्शन कमेटी की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र सरकार को हैदराबाद के एक वकील की याचिका पर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय की।

याचिकाकर्ता ऑल इंडिया जमीतुल कुरेश एक्शन कमेटी ने अपने अध्यक्ष व वकील अब्दुल फहीम के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

पीठ ने एक अन्य याचिकाकर्ता की याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से कहा है कि केरल, तमिलनाडु तथा अन्य राज्यों में भारी तादाद में किसान प्रतिबंध से प्रभावित हो रहे हैं।

अतिरिक्त महाधिवक्ता जनरल पी.एस.नरसिम्हा 23 मई को जारी की गई दोनों अधिसूचनाओं के उद्देश्य पर बयान देना चाहते थे, जिस पर पीठ ने उन्हें अपने जवाब में इस बारे में बताने को कहा।

नरसिम्हा ने पीठ से कहा कि अधिसूचना का उद्देश्य एक तरह की व्यवस्था अस्तित्व में लाना था, जिसमें मवेशियों को पशुधन के अलावा किसी अन्य उद्देश्य से बिक्री को विनियमित करना था।

याचिकाकर्ता मोहम्मद फहीम कुरैशी ने पशु क्रूरता रोकथाम (मवेशी बाजार का विनियमन) कानून, 2017 तथा पशु क्रूरता रोकथाम (जब्त पशुओं की देखभाल तथा इलाज) कानून, 2017 को चुनौती दी है।

कुरैशी ने दलील दी है कि पशु क्रूरता रोकथाम (मवेशी बाजार विनियमन) कानून, 2017 तथा पशु क्रूरता रोकथाम (जब्त पशुओं की देखभाल तथा इलाज) कानून, 2017 मनमाना, अवैध तथा असंवैधानिक है।

उन्होंने यह भी दलील दी है कि पशु खरीदार किसी भी धार्मिक अनुष्ठान के लिए पशु की बलि नहीं देगा, जो पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम, 1960 के विरोधाभाषी है, जिसकी धारा 28 के मुताबिक किसी भी धार्मिक समुदाय द्वारा धार्मिक अनुष्ठान के दौरान पशु की बलि देना अपराध नहीं है।

--आईएएनएस

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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