Maharashtra: शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर CJI की स्पीकर को फटकार- 4 महीने हो गए, कोई निर्णय क्यों नहीं लिया?

SC On MLAs Disqualification Case: सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता की मांग वाले मामले में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर से कहा है कि, वह केस के निपटारे की समय सीमा तय करें।

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Written By aman
Updated on: 18 Sep 2023 1:14 PM GMT
SC On MLAs Disqualification Case:
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एकनाथ शिंदे और चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Social Media)

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SC On MLAs Disqualification Case: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde faction) के विधायकों की अयोग्यता से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने विधानसभा स्पीकर को फटकार लगाई। सीजेआई ने कहा, 'स्पीकर को उचित समय के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था। शिकायत ये है कि 4 महीने बीत जाने के बाद भी स्पीकर ने कोई फैसला क्यों नहीं लिया?

गौरतलब है कि, 11 मई के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर ने अब तक विधायकों की अयोग्यता पर कोई निर्णय नहीं लिया। सीजेआई ने ने महाराष्ट्र स्पीकर से मामले के निपटारे को लेकर समय सीमा मांगी है।

SC- ये मामला अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता

सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते के भीतर टाइमलाइन मांगी है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार (18 सितंबर) को कहा, 'ये मामला अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता। विधानसभा स्पीकर को अयोग्यता पर निर्णय करना होगा। स्पीकर को शीर्ष अदालत की गरिमा का पालन करना होगा।

क्या है मामला?

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray faction) ने एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर को जल्द निर्णय के निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। पिछले साल यानी 2022 में जब शिवसेना दो हिस्से में बंटी तो उद्धव ठाकरे खेमे ने 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी।

CJI- सुप्रीम कोर्ट की Dignity का तो ख्याल रखते

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सोमवार को नाराजगी जताते हुए कहा, 'ऐसा लगता है कि अब तक कुछ नहीं हुआ। स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट की Dignity का तो ख्याल रखना चाहिए था। शीर्ष अदालत ने फैसला दिया था। सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा, आप यह नहीं कह सकते कि मैं इसे उचित समय पर सुनूंगा। आपको तारीखें देते रहना होगा।'

'हम सम्मान और गरिमा की उम्मीद करते हैं'

अदालत के आदेश के अनुसार स्पीकर को उचित समय अवधि के भीतर कार्यवाही पर फैसले लेने की आवश्यकता है। कोर्ट ने आगे कहा, 'हम संवैधानिक शक्ति का उपयोग करके जारी किए गए निर्देशों के प्रति सम्मान और गरिमा की उम्मीद करते हैं। अब हम निर्देश देते हैं कि कार्यवाही पूरी करने के लिए एक टाइमलाइन निर्धारित करते हुए स्पीकर द्वारा एक हफ्ते के भीतर प्रक्रियात्मक निर्देश जारी किए जाएंगे।'

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