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SC On T N Seshan: क्यों सुप्रीम कोर्ट को याद आए टीएन शेषन? आज तक नहीं आया वैसा चुनाव आयुक्त
SC On T N Seshan: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रणाली में सुधार की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त स्वर्गीय टी एन शेषन को याद किया।
SC On T N Seshan: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रणाली में सुधार की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त स्वर्गीय टी एन शेषन (T N Seshan) को याद किया। याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जस्टिस केएम जोसेफ (Justice KM Joseph) की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच (Constitutional Bench) ने कहा, कि 'मुख्य चुनाव आयुक्त को ऐसे चरित्र का होना चाहिए, जो खुद पर बुलडोजर नहीं चलने देता।' इसी दौरान संवैधानिक पीठ ने टी.एन. शेषन (T N Seshan) का भी जिक्र किया।
दरअसल, चुनाव आयोग (Election Commission) के सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की सिफारिश वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसी दौरान अदालत ने कहा, 'टी एन शेषन जैसा शख्स कभी-कभार ही पैदा होता है। आज तक वैसा चुनाव आयुक्त नहीं आया। संविधान पीठ ने कहा, 'देश में कई मुख्य चुनाव आयुक्त रहे। लेकिन, टीएन शेषन जैसा कभी-कभी ही देखने को मिलते हैं।' बता दें, टीएन शेषन का निधन 10 नवंबर 2019 को हो गया था।
'नाजुक कंधों' पर विशाल शक्तियां
शीर्ष अदालत की जो पीठ चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रणाली में सुधार से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी उनमें जस्टिस के.एम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी (Justice Ajay Rastogi), जस्टिस अनिरुद्ध बोस (Justice Aniruddha Bose), जस्टिस हृषिकेश रॉय (Justice Hrishikesh Roy) और जस्टिस सी.टी रविकुमार (Justice C.T Ravi kumar) शामिल थे। इन पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि, 'संविधान ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्त के 'नाजुक कंधों' पर विशाल शक्तियां डाल रखी हैं।'
'ऐसा शख्स जो खुद को बुलडोजर से चलने न दे'
जस्टिस जोसेफ ने सुनवाई के दौरान कहा, 'योग्यता के अलावा, जो महत्वपूर्ण है वह ये है कि आपको चरित्र वाले किसी शख्स की जरूरत है। कोई ऐसा शख्स जो खुद को बुलडोजर से चलने न दे। ऐसे में सवाल ये है कि इस व्यक्ति की नियुक्ति (Appointment) कौन करेगा?' जस्टिस जोसेफ ने कहा, 'नियुक्ति समिति (Appointment Committee) में चीफ जस्टिस की मौजूदगी पर कम से कम दखल देने वाली व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा, हमें लगता है कि उनकी (चीफ जस्टिस) मौजूदगी से ही संदेश जाएगा, कि कोई गड़बड़ नहीं होगी। हमें सबसे अच्छा आदमी चाहिए और इस पर कोई मतभेद नहीं होना चाहिए।'
CEC के कार्यकाल पर SC की बड़ी टिप्पणी
शीर्ष अदालत ने कहा, कि हालांकि 'मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सहित अन्य चुनाव आयुक्त (सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1991' के तहत CEC का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है। मगर, किसी भी मुख्य चुनाव आयुक्त ने 2004 से अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। संविधान पीठ ने आगे कहा, 'सरकार जो कर रही है वह यही है। क्योंकि, वह जानती है कि डेट ऑफ बर्थ, यह सुनिश्चित करता है कि जिसे CEC के रूप में नियुक्त किया गया है, उसे अपने पूरे 6 साल नहीं मिले हैं। चाहे वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार हो या NDA सरकार। यही प्रवृत्ति रही है।'
...मगर केंद्र सरकार ने नहीं किया
सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित संविधान के अनुच्छेद- 324 में ऐसी नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया प्रदान करने के लिए एक कानून बनाने की परिकल्पना की गई थी। मगर, केंद्र सरकार ने अभी तक ऐसा नहीं किया है।