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Marriage Certificate: आर्य समाज के मैरिज सर्टिफिकेट को सुप्रीम कोर्ट ने नकारा, कानूनी मान्यता देने से किया इनकार
शुक्रवार को आर्य समाज मंदिर में हुए एक विवाह और उसकी वैधता सिद्ध करने को लेकर जारी एक मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र कानूनी मान्यता देने से कर दिया।
Arya Samaj Marriage Certificate: भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में शुक्रवार को आर्य समाज (Arya Samaj) मंदिर में हुए एक विवाह और उसकी वैधता सिद्ध करने को लेकर जारी एक मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आर्य समाज (Arya Samaj) की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र को विवाह का सबूत मानने से इनकार कर दिया गया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की न्यायाधीश अजय रस्तोगी और न्यायाधीश बीवी नागरत्ना की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए अपनी टिप्पणी में कहा कि विवाह प्रमाण पत्र कानूनन तौर पर सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी किए जाते हैं तथा साथ ही आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र कानून वैध नहीं है।
SC ने विवाह प्रमाण पत्र पर अपना रूख एक प्रेम विवाह के चलते किया स्पष्ट
न्यायालय (Supreme Court) ने आर्य समाज (Arya Samaj)मंदिर द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र पर अपना रूख एक प्रेम विवाह और लड़की के घरवालों की आपत्ति के चलते स्पष्ट किया है। दरअसल, एक लड़का और लड़की ने आर्य समाज (Arya Samaj) मंदिर में जाकर प्रेम विवाह किया है, लेकिन लड़की के परिजनों ने लड़की को नाबालिग बताते हुए लड़के के खिलाफ धारा 363, 366, 384 , 376(2) (n), 384 और पॉक्सो धारा 5(L)/6 के तहत मामला दर्ज करा दिया है।
आर्य समाज मंदिर के शादी प्रमाण पत्र को सुप्रीम कोर्ट ने किया नामंजूर
वहीं, दूसरी तरफ लड़के ने लड़की को बालिग बताने के साथ अपना पक्ष रखते हुए दोनों के विवाह का आर्य समाज (Arya Samaj) मंदिर द्वारा जारी प्रमाण पत्र दिखाया तो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इसे नामंजूर करते हुए वैध प्रमाण दिखाने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज (Arya Samaj) द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र यानी मैरिज सर्टिफिकेट को कानूनी मान्यता प्रदान करने से मना कर दिया है।
भारत में विवाह प्रमाण पत्र सिर्फ सक्षम प्राधिकरणों द्वारा ही जारी किया जाता है: SC
बतौर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आर्य समाज (Arya Samaj) का काम विवाह प्रमाण पत्र बांटना नहीं है और ना ही इन्हें कानून विवाह प्रमाण पत्र बांटने के लिए प्राधिकृत किया गया है इसलिए आर्य समाज (Arya Samaj) द्वारा जारी यह विवाह सर्टिफिकेट कानून वैध नहीं है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह भी कहा कि भारत में विवाह प्रमाण पत्र सिर्फ सक्षम प्राधिकरणों द्वारा ही जारी किया जाता है।