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Supreme Court on Mahakumbh Bhagdad: महाकुंभ भगदड़ मामले को सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से किया इनकार, कहा- HC जाएं
Supreme Court on Mahakumbh Bhagdad: सीजेआई ने कहा कि महाकुंभ में भगदड़ की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जोकि चिंता का विषय है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा।
Supreme Court on Mahakumbh Bhagdad: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर भगदड़ मच गयी थी। जिसमें 30 लोगों की जान चली गयी थी। महाकुंभ भगदड़ मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई से इनकार कर दिया। हालांकि मुख्य न्यायाधीश ने घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि घटना को लेकर उच्च न्यायालय में दाखिल दाखिल किया जाए। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने महाकुंभ भगदड़ पर सुनवाई के दौरान के दौरान यह बातें कहीं।
भगदड़ की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण: उच्चतम न्यायालय
सीजेआई ने कहा कि महाकुंभ में भगदड़ की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जोकि चिंता का विषय है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा। उल्लेखनीय है कि प्रयागराज महाकुंभ की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि भगदड़ की कई घटनाएं हो चुकी हैं और यह नियमित होती जा रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि महाकुंभ भगदड़ की न्यायिक जांच चल रही है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी दायर की गयी है। इस पर सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की पीठ ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के दौरान भगदड़ मच गयी थी। महाकुंभ भगदड़ को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। जिसमें श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए नियम बनाने और मौनी अमावस्या पर भगदड़ की घटना में 30 श्रद्धालुओं की जान जाने पर स्थिति रिपोर्ट देने की मांग की गयी थी। उच्चतम न्यायालय में यह याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की थी।