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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में बुजुर्ग जोड़े के तलाक पर सुनवाई, 82 वर्षीय पत्नी की दलील ने बचा ली शादी

Supreme Court: दोनों के बीच तलाक का यह मामला कोर्ट में 1996 से चल रहा था। केस पर जब शीर्ष अदालत में सुनवाई शुरू हुई तो बुजुर्ग पत्नी की एक भावुक दलील ने शादी को टूटने से बचा लिया।

Krishna Chaudhary
Published on: 12 Oct 2023 11:54 AM IST
Supreme Court
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Supreme Court (photo: social media )

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में जीवन के 80 से अधिक वसंत देख चुके पति-पत्नी के तलाक के एक दिलचस्प मामले पर सुनवाई हुई। 89 वर्षीय पति जो कि एक सेवानिवृत्त वायुसेना अधिकारी हैं, अपनी 82 वर्षीय पत्नी से तलाक चाहते थे। पत्नी एक सेवानिवृत्त शिक्षिका है। दोनों के बीच तलाक का यह मामला कोर्ट में 1996 से चल रहा था। केस पर जब शीर्ष अदालत में सुनवाई शुरू हुई तो बुजुर्ग पत्नी की एक भावुक दलील ने शादी को टूटने से बचा लिया।

जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस बेला एम.त्रिवेदी की पीठ के समक्ष पत्नी ने कहा कि 1963 यानी 60 सालों से अपने पूरे जीवन भर पवित्र रिश्ते को बनाए रखा। इन वर्षों में मैंने अपने तीन बच्चों की देखभाल की और इसके बावजूद पति ने उनके प्रति पूरी शत्रुता दिखाई। कोर्ट ने इन दलीलों को सुनने के बाद पूर्व वायुसेना अधिकारी द्वारा दायर तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया।

दरअसल, ये मामला चंडीगढ़ का है। 1960 में दोनों शादी के बंधन में बंधे थे। दोनों के बीच संबंध काफी अच्छे चल रहे थे लेकिन जनवरी 1984 से रिश्ते में कड़वाहट आनी शुरू हो गई। उस साल पति जो कि वायुसेना अधिकारी थे, का मद्रास ट्रांसफर हुआ था। पत्नी ने साथ जाने से मना कर दिया और वह अलग अपने बच्चों के साथ रहने लगीं। कई कोशिशों के बावजूद जब दोनों के बीच मतभेद दूर नहीं हुए तो पति ने साल 1996 में कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर कर दी।

सुप्रीम कोर्ट में पत्नी की भावुक अपील

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्नी ने कहा कि उम्र के इस पड़ाव में वह अपने पति को अकेला नहीं छोड़ना चाहती। वह तलाकशुदा महिला होने के कलंक के साथ दुनिया नहीं छोड़ना चाहती है। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि पत्नी अब भी पति की देखभाल करने के लिए तैयार है। ऐसे में पत्नी की इच्छा को ध्यान में रखते हुए तलाक को मंजूरी नहीं दी जा सकती है। अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि वर्तमान दौर में तलाकशुदा होने को कलंक नहीं माना जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने पति द्वारा तलाक की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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