अर्श से फर्श पर पहुंची Byjus को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, दिवालिया कार्रवाई बंद वाली याचिका पर रोक

Supreme Court: आज सुप्रीम कोर्ट ने Byjus और बीसीसीआई के बीच हुए 158 करोड़ के समझौते को खारिज कर दिया।

Sonali kesarwani
Published on: 23 Oct 2024 10:00 AM GMT
Byjus agreement BCCI
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Byjus agreement BCCI (Social media) 

Supreme Court: ऑनलाइन लर्निंग कंपनी बायजू को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। आज सुप्रीम कोर्ट में बायजू और बीसीसीआई के बीच हुए समझौते को लेकर सुनवाई हुई। और सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें बायजू और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के बीच 158 करोड़ रुपये के समझौते को मंजूरी दी गई थी। इस सुनवाई के बाद वह फैसला भी बदल जाता है जिसमें BCCI के साथ समझौता करने के बाद बायजू के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही बंद करने का आदेश था।

CJI DY चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में फैसला

लर्निंग प्लेटफॉर्म बायजू और बीसीसीसी के बीच समझौते को ख़ारिज करने के बाद अब BCCI द्वारा एक एस्क्रो खाते में जमा किए गए 158 करोड़ रुपये को अब लेनदारों की समिति द्वारा प्रबंधित एक एस्क्रो खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इस ट्रांसफर के बाद बायजू कंपनी को पूरी तरह खत्म ही समझिये। आपको बता दें कि आज बायजू और बीसीसीसी के बीच की सुनवाई CJI DY चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली जस्टिस JB पार्डीवाला और मनोज मिश्रा वाली पीठ ने की है। आज सुनवाई के दौरान बायजू की तरफ से सीनियर एडवोकेट के थे। वहीं ग्लैस ट्रस्ट की तरफ से सीनियर एडवोकेट श्याम दिवान और कपिल सिबल ने केस की पैरवी की थी। जबकि BCCI की तरफ से प्रतिनिधित्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने की थी।


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने NCLAT को जमकर फटकार लगाई। दरअसल NCLAT ने कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (CIRP) को समय से पहले समाप्त कर दिया था। NCLAT ने गलत तरीके से दिवालिया मामले को वापस लेने के लिए NCLAT नियम, 2016 के नियम 11 के तहत अपनी अंतर्निहित शक्तियों का उपयोग किया था। जबकि दिवालिया आवेदन वापस लेने की एक अलग प्रक्रिया होती है। इसलिए आज सुनवाई करते हुए अदालत ने फटकार भी लगाई है।


उन्होने कहा कि एक बार कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (CIRP) स्वीकार कर ली जाती है, तो IRP कर्जदार के मामलों का नियंत्रण ले लेता है, और आवेदन वापस लेने के लिए IRP के माध्यम से जाना होगा। NCLT दिवालिया मामलों को संभालने वाला ट्रिब्यूनल है, एक 'डाकघर' नहीं है जो स्वचालित रूप से निकासी को मंजूरी देता है, और NCLAT ने बायजू और BCCI के बीच समझौते को मंजूरी देकर अपनी भूमिका से आगे निकल गया।

Sonali kesarwani

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Content Writer

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