×

SC on Collegium: 'कॉलेजियम पर चर्चा की जानकारी सार्वजानिक नहीं हो सकती', जजों की नियुक्ति पर लगाई गई याचिका खारिज

SC on Collegium: शीर्ष अदालत ने कहा, 'मीडिया में छपी खबर के आधार पर ये याचिका दाखिल की गई है। इस पर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता'।

aman
Written By aman
Published on: 9 Dec 2022 6:16 AM GMT (Updated on: 9 Dec 2022 6:19 AM GMT)
supreme court
X

सुप्रीम कोर्ट  (photo: social media )

SC on Collegium: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार (09 दिसंबर) को एक अहम फैसले में कहा कि, 'कॉलेजियम के फैसले सार्वजनिक किए जाते हैं, मगर उससे पहले हुई चर्चा की जानकारी सूचना के अधिकार (RTI) के तहत नहीं मांगी जा सकती।' अपनी इसी टिप्पणी के साथ सर्वोच्च न्यायालय ने एक याचिका को खारिज कर दिया।

आपको बता दें, इस याचिका में 12 दिसंबर 2018 को कॉलेजियम की ओर से नए जजों की नियुक्ति को लेकर लिए गए फैसले को सार्वजनिक करने की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने कहा, कि उस दिन सिर्फ चर्चा हुई थी। ये याचिका मीडिया माध्यमों में छपी खबर के आधार पर याचिका दाखिल की गई है। अदालत ने कहा, 'इस पर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता'।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने आज सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत 12 दिसंबर, 2018 को आयोजित कॉलेजियम की बैठक के ब्योरे का खुलासा करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। ज्ञात हो कि, तब सर्वोच्च न्यायालय में कुछ जजों की पदोन्नति पर कथित तौर पर कुछ फैसले लिए गए थे। 'बार एंड बेंच' के मुताबिक, जस्टिस एमआर शाह (Justice MR Shah) और जस्टिस सीटी रवि कुमार (Justice CT Ravi Kumar) की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'कुछ चर्चा हुई होंगी। लेकिन, उन्हें अंतिम फैसला नहीं कहा जा सकता। केवल अंतिम संकल्प को ही निर्णय माना जाता है। दो जजों की खंडपीठ ने कहा, कॉलेजियम एक बहु सदस्यीय निकाय है, जिसका निर्णय एक संकल्प होता है। परामर्श (उस बैठक में कॉलेजियम का) पूरा नहीं हुआ था। इसलिए स्थगित कर दिया गया था।'

'चर्चा पब्लिक डोमेन में नहीं होगी'

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के दौरान ये भी कहा, कि 'कॉलेजियम की बैठकों में जो चर्चा की गई, वह पब्लिक डोमेन में नहीं होगी। केवल अंतिम निर्णय को अपलोड करने की जरूरत है।' शीर्ष अदालत में दायर याचिका में दो जजों की नियुक्ति पर कॉलेजियम की बैठक का विवरण मांगा गया था। जिसे कभी सार्वजनिक किया ही नहीं गया।

SC ने कहा- याचिका खारिज होने लायक है

एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज (Activist Anjali Bhardwaj) ने RTI के तहत विवरण मांगा था। लेकिन, उसे अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने इस फैसले को चुनौती दी थी। जजों ने कहा कि, याचिकाकर्ता ने उस बैठक में मौजूद न्यायाधीशों में से एक के इंटरव्यू के आधार पर लेखों पर भरोसा किया था। शीर्ष अदालत ने आगे कहा, 'हम उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। बाद का प्रस्ताव बहुत स्पष्ट था। इस याचिका में कोई दम नहीं है। ये खारिज होने लायक है।'

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story