×

जोर का झटका! सर्वोच्च न्यायालय ने सुब्रत राय की याचिका खारिज की

Rishi
Published on: 5 July 2017 10:18 PM IST
जोर का झटका! सर्वोच्च न्यायालय ने सुब्रत राय की याचिका खारिज की
X

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 552.21 करोड़ रुपये चुकाने के लिए और समय की मांग की गई थी।

इसके साथ ही अदालत ने चेतावनी दी कि अगर कंपनी द्वारा बाजार नियामक सेबी को दिए गए चेक बाउंस होते हैं तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति राजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी की पीठ ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को सहारा से मिले चेक को कैश करने के लिए 15 जुलाई को ही भेजने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर चेक बाउंस हुए तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को पूरा नहीं करने पर रॉय अवमानना का सामना कर रहे हैं। सहारा ने अदालत से गुजारिश की थी कि उन्हें रकम इकट्ठा करने के लिए 15 अगस्त तक का वक्त दिया जाए। अदालत को बुधवार को सूचना दी गई कि सहारा समूह ने 710.22 करोड़ रुपये जमा करवा दिए हैं। इससे पहले सहारा ने 790.18 करोड़ रुपये जमा कराए थे।

सहारा के वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने पीठ को कहा कि नोटबंदी के बाद सहारा को अपनी संपत्तियों को बेचने में परेशानी हो रही है, इसलिए रकम जमा कराने के लिए और वक्त दिया जाए।

इस पर अदालत ने कहा, "सवाल यह नहीं है कि आपने कितना जमा कराया है, बल्कि सवाल यह है कि कितना जमा कराना है।"

सिब्बल रॉय के वकील हैं, जबकि रोहतगी सहारा हाउसिंग फाइनेंश कॉरपोरेशन लिमिटेड और एंबी वैली की तरफ से मुकदमा लड़ रहे हैं।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story