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SC on Azam Khan: आजम खान को SC से राहत, गिरफ्तारी पर 15 नवंबर तक रोक..EC को फटकार
SC on Azam Khan: आजम खान को भड़काऊ भाषण मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी गिरफ़्तारी पर 15 नवंबर तक रोक लगा दी है। साथ ही चुनाव आयोग को फटकारा भी है।
Azam Khan Hate Speech: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को भड़काऊ भाषण मामले में सुप्रीम कोर्ट से बुधवार (09 नवंबर) को बड़ी राहत मिली। अब सपा नेता को 15 नवंबर तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाएगी। शीर्ष अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत मंजूर कर ली है। सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील पी.चिदंबरम ने आजम खान का पक्ष रखा। उन्होंने आज इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय में बहस की।
आजम खान की ओर से दलील पेश करते हुए पी. चिदंबरम ने कहा, कि पिछले महीने 27 अक्टूबर को उनके मुवक्किल को सजा हुई और उसके अगले ही दिन उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। इस मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, कि क्या चुनाव आयोग इंतजार नहीं कर सकता था? साथ ही, सुझाव दिया कि आजम खान को एक मौका तो मिलना ही चाहिए।
आजम के वकील- हमारे मुवक्किल को मिले समय
आजम खान के वकील पी चिदंबरम ने कहा, कि 'उनके मुवक्किल के मामले में सरकार ने तेजी से कदम उठाया है। हमें अपील करने तक का समय नहीं दिया गया। चिदंबरम ने कहा, हमें अपील करने का समय मिलना चाहिए। वहीं, चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से अरविंद दातार ने दलीलें पेश की।'
SC- क्या हर एक केस में ऐसा ही होगा?
आजम खान हेट स्पीच मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई। CJI ने कहा, कि 'क्या चुनाव आयोग कुछ समय इंतजार नहीं कर सकता था। कोर्ट ने सुझाव दिया कि आजम खान को एक मौका मिलना चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा, क्या वो हर एक केस में ऐसा ही करेगा? जिसके बाद, चुनाव आयोग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, कि चुनाव आयोग आश्वस्त करे कि गजट नोटिफिकेशन 72 घंटे तक न जारी हो। इस बीच हाईकोर्ट का रुख किया जा सकता है।
सपा नेता आज़म खान को बीते 27 अक्टूबर को भड़काऊ बयान मामले में रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी। आज आजम के वकील पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत के लिए गुहार लगाई थी। दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने आज़म खान को राहत दे दी।
रामपुर कोर्ट से भी राहत भरी खबर
सपा नेता आजम खान को पहले रामपुर कोर्ट से 3 साल की सजा सुनाई गई थी। उसके बाद, आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद दोबारा उप चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग ने की थी, जिसमें 5 दिसंबर को रामपुर में मतदान और 8 दिसंबर को मतगणना होनी थी। आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद जिला सत्र न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील डाली गई थी। आज़म की अपील को कोर्ट ने एडमिट कर लिया। कोर्ट ने आजम खान को 16 नवंबर तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया।
आजम के वकील ने कहा
वही आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि, 27 अक्टूबर के फैसले के खिलाफ आज हमने अपील सेशन जज के यहां डाली है। हमारी अपील एडमिट हो गई है। अपील में 16 नवंबर तक की अंतरिम बेल मिली है। अभी मामला स्पेशल जुडिशरी एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हो जाएगा।