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Patanjali Misleading Ads Case: रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लताड़ा, कोर्ट के आदेश मान ही नहीं रहे

Patanjali Misleading Ads Case: पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अपनी दवाओं के बारे में भ्रामक विज्ञापन देने का मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे विज्ञापन तत्काल रोक देने होंगे।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 2 April 2024 5:45 PM IST
Supreme Court scolded Ramdev and Balkrishna, they are not obeying the orders of the court
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रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लताड़ा, कोर्ट के आदेश मान ही नहीं रहे: Photo- Social Media

Patanjali Misleading Ads Case: योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लताड़ लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि ये लोग हर आदेश को तोड़ रहे हैं।

क्या है मामला

पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अपनी दवाओं के बारे में भ्रामक विज्ञापन देने का मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे विज्ञापन तत्काल रोक देने होंगे और इस आदेश के अनुपालन के बारे में हलफनामा देना होगा। लेकिन अनुपालन का उचित हलफनामा दाखिल नहीं किया गया है। इसीलिए रामदेव और बालकृष्ण को कोर्ट में हाजिर होना पड़ा था।

कोर्ट ने क्या कहा

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा - सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, देश भर की अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिये। पीठ ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रामदेव और बालकृष्ण से कहा, "आपको अदालत को दिए गए वचन का पालन करना होगा और आपने हर बाधा को तोड़ दिया है।"

शीर्ष अदालत ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जब पतंजलि आयुर्वेद यह कहते हुए घूम रहा था कि एलोपैथी में कोरोना का कोई इलाज नहीं है तो केंद्र ने अपनी आंखें बंद क्यों रखीं? रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने अदालत से योग गुरु की उपस्थिति और उनकी बिना शर्त माफी पर ध्यान देने का आग्रह किया।

वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा, जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था और उन्होंने पूरे मुद्दे का समाधान खोजने में पक्षकारों के वकील की मदद करने की पेशकश की। न्यायमूर्ति कोहली ने बालकृष्ण के वकील से कहा, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि हलफनामा आपके गंभीर वादों के अनुसरण में दायर किया गया है।

एक हफ्ते का टाइम मिला

पीठ ने रामदेव और बालकृष्ण को इस मामले में एक सप्ताह में अपना हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को तय करते हुए पीठ ने निर्देश दिया कि ये दोनों अगली तारीख पर उसके समक्ष उपस्थित रहेंगे। कोर्ट ने पतंजलि के एमडी के इस बयान को भी अस्वीकार कर दिया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स (जादुई उपचार) अधिनियम पुराना है।

- 19 मार्च को शीर्ष अदालत ने फर्म के उत्पादों के विज्ञापनों और उनकी औषधीय प्रभावकारिता से संबंधित मामले में जारी नोटिस का जवाब देने में कंपनी की विफलता पर आपत्ति जताते हुए रामदेव और बालकृष्ण को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।

- पिछले महीने, बालकृष्ण ने कई गंभीर बीमारियों के इलाज में औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाली पतंजलि कंपनी के हर्बल उत्पादों का विज्ञापन करने और चिकित्सा की अन्य प्रणालियों को कमजोर करने के लिए शीर्ष अदालत में बिना शर्त माफी मांगी थी।

- पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने 21 नवंबर, 2023 को शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया था कि वह किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करेगी, खासकर उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग से संबंधित कानूनों का।



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