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मंदिर - मस्जिद हटाने को लेकर SC की सख्त टिप्पणी, जारी रहेगा स्टे, कहा- हम धर्मनिरपेक्ष देश हैं
Bulldozer Action: आज बुलडोजर केस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है।
Bulldozer Action: आज सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर एक्शन मामले को लेकर सुनवाई हुई। जहाँ कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पब्लिक प्लेस पर या सड़क के बीच धार्मिक संरचना लोगों के लिए बाधा नहीं बन सकती है। हम एक धर्म निरपेक्ष देश है। हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय के हों। आज सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि चाहे मंदिर हो, मस्जिद हो या कोई दूसरा धार्मिक स्थल, जहां जनता की सुरक्षा की बात हो और स्थल पब्लिक प्लेस पर हो तो उसे हटाना ही होगा।
बुलडोजर कार्रवाई पर क्या बोले जस्टिस गवई
बुलडोजर एक्शन मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि हम ये साफ़ कर देना चाहते है कि किसी के घर पर तोड़ फोड़ सिर्फ इसीलिए न की जाए कि वो दोषी या आरोपी है। बल्कि इस बात पर ध्यान दिया जाए कि तोड़फोड़ के आदेश पारित होने से पहले भी एक सीमित समय होना चाहिए। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों में 4 से 5 लाख डिमोलिशन की कार्रवाई हुई है।
जस्टिस केवी विश्वनाथन ने क्या कहा
सार्वजानिक स्थलों पर मंदिर या मस्जिद को हटाने वाले मामले पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि अगर सड़क या पब्लिक प्लेस पर उल्लंघन करने वाले दो स्ट्रक्चर हैं और उनमें से सिर्फ एक पर कार्रवाई होती है तो सवाल उठता ही है। वहीं आरोपी के घरों पर बुलडोजर चलाने वाले मामले को लेकर जस्टिस से कहा कि भले ही निर्माण अधिकृत ना हो, लेकिन एक्शन के बाद महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं लगता है। अगर उन्हें पहले से समय मिले तो वो लोग एक वैकल्पिक व्यवस्था कर लेते। आपको बता दें कि आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि फिलहाल देश भर में तोड़फोड़ पर अंतरिम रोक जारी रहेगी।
बुलडोजर एक्शन पर पहले भी हुई थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट अपराधियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर पहले भी सुनवाई कर चुका है। पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ़ कह दिया था कि अपराध चाहे जितना बड़ा क्यों न अपराधी के घर बुलडोजर चलाना गलत है। किसी भी अपराधी की सजा उसके परिवार वालों को नहीं मिलनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को निर्देश देते हुए कहा था कि हम बुलडोजर कार्रवाई को लेकर एक गाइडलाइन बनाएंगे जिसे सभी राज्य सरकारों को मानना पड़ेगा।