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सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा- कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सरकार के आधार कार्ड को अनिवार्य करने के खिलाफ दायर याचिका पर यह आदेश दिया। बता दें कि अभी केंद्र के 19 मंत्रालयों की 92 योजनाओं में आधार का इस्तेमाल हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार कार्ड को आवश्यक नहीं बना सकती है।' पीठ ने यह स्पष्ट किया कि बैंक खाते खोलने जैसी सरकार की अन्य योजनाओं में आधार का उपयोग करने से नहीं रोका जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा, 'सरकार की आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया जाना है, किन्तु फिलहाल ऐसा संभव नहीं है।'
कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार जरूरी नहीं
मुख्य न्यायाधीश खेहर ने कहा, 'सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता, लेकिन गैर लाभकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड इस्तेमाल किया जा सकता है। हमारा पिछला आदेश पूरी तरह स्पष्ट था। इनकम टैक्स जैसी गैर-लाभकारी योजनाओं में आधार को अनिवार्य किए जाने से सरकार को रोका नहीं जा सकता।' गौरतलब है कि सरकार ने कई योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने का फैसला किया था।
क्या कहा था अंतरिम आदेश में
इससे पहले पूर्व चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की अगुआई वाली 5 जजों की बेंच ने केंद्र सरकार को जारी अपने अंतरिम आदेश में कहा था, 'हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि आधार कार्ड स्कीम पूरी तरह से स्वैच्छिक है। इसे तब तक अनिवार्य नहीं किया जा सकता, जब तक कि कोर्ट इस मामले में अपना आखिरी फैसला नहीं दे देती।'