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SC का नीट-पीजी 2022 काउंसलिंग में दखल देने से इनकार, कहा- छात्रों की जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकते
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह नीट-पीजी 2022 (NEET-PG 2022) काउंसलिंग में दखल नहीं देगा और न ही रोकेगा क्योंकि यह छात्रों की जिंदगी को खतरे में नहीं डाल सकता है।
NEET PG Counselling 2022 : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का कहना है कि वह नीट-पीजी 2022 (NEET-PG 2022) काउंसलिंग में दखल नहीं देगा और न ही रोकेगा क्योंकि यह छात्रों की जिंदगी को खतरे में नहीं डाल सकता है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तब आई जब एक वकील द्वारा नीट-पीजी 2022 से संबंधित एक याचिका का उल्लेख किया गया।
आपको बता दें कि, इसी साल 29 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन डॉक्टरों की तरफ से दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा (संशोधन ) विनियम 2018 के विनियमन 9 (3) को रद्द करने की मांग की थी। न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा (Justice Satish Chandra Sharma) और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद (Justice Subramaniam Prasad) की पीठ ने याचिका को खारिज किया था।
गौरतलब है कि, इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने 10 जून 2022 को आल इंडिया कोटा (AIQ) के 'स्ट्रे वेकेंसी राउंड' (Stray Vacancy Round) के आयोजन के बाद उपलब्ध खाली सीटों के लिए अभ्यर्थियों को चुनाव लड़ने की परमिशन देने के लिए काउंसलिंग का एक विशेष स्ट्रे राउंड आयोजित करने की मांग करने वाली याचिका (Petition) को खारिज किया था।
शिक्षा की गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता
न्यायमूर्ति एमआर शाह (Justice MR Shah) तथा न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस (Justice Aniruddha Bose) की अवकाश पीठ ने इस मामले में कहा, कि 'चिकित्सा शिक्षा (Medical Education) की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। कोर्ट ने ये भी कहा, कि 'अब राहत देने से चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।'