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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकार को पहले बजट पेश करने से कोई कानून नहीं रोकता
नई दिल्ली: आगामी एक फरवरी को बजट पेश करने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट 20 जनवरी को सुनवाई करेगा। शुक्रवार (13 जनवरी) को हुई सुनवाई में अदालत ने पूछा, 'ऐसा कौन सा प्रावधान है जो सरकार को बजट की तारीख बदलने से रोकता हो।' इस मामले में वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल की है।
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सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा, 'ढूंढ़े पर भी ऐसा कोई कानून नहीं मिलता, जो सरकार को ये फैसला लेने से रोकता हो।' कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि बजट को फरवरी में पेश करने से संविधान और कानून के कौन से प्रावधान का उल्लंघन होगा। याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई में जवाब दाखिल करना होगा।
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क्या है याचिका में?
याचिका में एमएल शर्मा ने 2017-18 के बजट को 1 फरवरी को पेश करने के फैसले को गलत बताया है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की वोटिंग पूरी होने तक सरकार को बजट पेश करने से रोका जाए। आमतौर पर बजट फरवरी के आखिरी में पेश होता रहा है।
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ये कहा सरकार ने
केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि बजट में पारित किए गए नए नियमों, नीतियों और योजनाओं को नोटिफाई करने में काफी वक्त लगता है। बजट फरवरी के अंत में पेश होने की वजह से नोटिफिकेशन 1 अप्रैल तक अक्सर नहीं हो पाता है। इसलिए बजट को 1 फरवरी को पेश करने का फैसला लिया गया है।