TRENDING TAGS :
Fali S Nariman Passes Away: दिग्गज वकील फली एस नरीमन का देहांत, 95 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस
Fali S Nariman Passes Away: प्रख्यात न्यायविद की तौर पर पहचाने जाने वाले नरीमन ने 95 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।
Fali S Nariman Passes Away: देश के दिग्गज एवं प्रतिष्ठित वकीलों में शुमार फली एस नरीमन का आज यानी बुधवार 21 फरवरी को दिल्ली में देहांत हो गया। प्रख्यात न्यायविद की तौर पर पहचाने जाने वाले नरीमन ने 95 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके कार्यालय की ओर से इसकी जानकारी दी गई।
फली एस नरीमन के बेटे रोहिंगट नरीमन ने भी वकालत के पेशे में खूब नाम कमाया। वो सुप्रीम कोर्ट में जज भी रहे। बात करें फली एस नरीमन की तो उन्होंने नवंबर 1950 में बतौर वकील बॉम्बे हाईकोर्ट में अपना करियर शुरू किया। 1961 में उन्हें यहां सीनियर वकील नामित किया गया। 1972 से नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट में वकालत करनी शुरू की।
70 से ज्यादा सालों तक की वकालत
फली एस नरीमन का वकालत करियर 70 से अधिक सालों तक चला। इस दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण पद संभालने के साथ-साथ कई चर्चित मामलों में जिरह की। जिसमें राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग का प्रसिद्ध मामला भी शामिल था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था।
इमरजेंसी के विरोध में छोड़ा पद
बताया जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी फली एस नरीमन के वकालत से काफी प्रभावित थीं। उन्होंने भारतीय संविधान और न्याय व्यवस्था पर उनकी पकड़ को देखते हुए नरीमन को 1972 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया था। हालांकि, जून 1975 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल, नरीमन देश में इमरजेंसी लगाने के इंदिरा गांधी के फैसले से सहमत नहीं थे, इसलिए उन्होंने ये कदम उठाया।
पद्म विभूषण से किए गए थे सम्मानित
10 जनवरी 1929 को जन्मे नरीमन को उनके शानदार करियर के लिए सम्मानित भी किया गया। साल 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से उन्हें सम्मानित किया गया। फली एस नरीमन एक बेहतरीन लेखक भी बताए जाते हैं। उन्होंने ‘द स्टेट ऑफ नेशन’, ‘गॉड सेव द ऑनरेबल सुप्रीम कोर्ट’ और उनकी आत्मकथा, ‘बिफोर मेमोरी फ़ेड्स’ जैसी किताबें लिखीं, जो काफी प्रचलित हुईं।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने फली एस नरीमन के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, वे लिविंग लीजेंड थे, जिन्हें कानून और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोग हमेशा याद करेंगे। अपनी उपलब्धियों के अलावा वह अपने सिद्धांतों पर हमेशा अटल रहे।