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Rahul Gandhi को सजा सुनाने वाले जज सहित 68 न्यायाधीशों के प्रमोशन पर SC की रोक, अब आगे क्या?

Gujarat Judges Promotion Row: गुजरात में 65 प्रतिशत कोटा के तहत 68 जजों का प्रमोशन किया गया। इस लिस्ट के खिलाफ गुजरात सरकार के दो न्यायिक अफसर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया।

Aman Kumar Singh
Published on: 12 May 2023 4:50 PM GMT
Rahul Gandhi को सजा सुनाने वाले जज सहित 68 न्यायाधीशों के प्रमोशन पर SC की रोक, अब आगे क्या?
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Gujarat Judges Promotion Row: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात के 68 जजों के प्रमोशन को अवैध ठहराया है। इनमें जस्टिस हरीश हसमुखभाई वर्मा (Justice Harish Hasmukhbhai Verma) भी शामिल हैं। बता दें, ये वही जज हैं जिन्होंने 'मोदी सरनेम' केस (Modi surname Case) में राहुल गांधी को सजा सुनाई थी। शीर्ष अदालत ने इन सभी जजों के जिला जज कैडर में प्रमोशन अवैध करार दिया है। जस्टिस वर्मा सहित सभी 68 जजों को इनके मूल पद पर वापस भेजने के आदेश दिए गए हैं। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) करेंगे।

आपको बता दें, पिछले दिनों गुजरात हाई कोर्ट ने जजों को प्रमोशन दिया था। इसके बाद, गुजरात सरकार ने इन जजों की नियुक्ति का आर्डर भी जारी कर दिया। प्रमोशन प्रक्रिया में कम अंकों वाले जजों के चयन पर गुजरात से दो ज्यूडिशियल ऑफिसर ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। उन्होंने हाईकोर्ट की ओर से अपनाए गए तरीके पर आपत्ति जाहिर की थी। मामले में 8 मई को आखिरी सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (12 मई) को अपने अंतरिम फैसले में सभी जजों के प्रमोशन पर रोक लगा दी।

गुजरात HC और राज्य सरकार को झटका

सुप्रीम कोर्ट के फैसले (SC decisions on Judges Promotion) से गुजरात हाई कोर्ट और राज्य सरकार दोनों को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर शाह (Justice M R Shah) और जस्टिस सीटी रवि कुमार (Justice CT Ravi Kumar) ने अपने फैसले में कहा है कि, 'राज्य सरकार ने याचिका के लंबित रहने के दौरान जजों के ट्रांसफर को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया। जिसके बाद कोर्ट ने नोटिस जारी की। हम हाई कोर्ट की प्रमोशन की सिफारिश तथा सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाते हैं।'

फैसले में क्या कहा शीर्ष अदालत ने?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, जजों का प्रमोशन मेरिट और वरिष्ठता के सिद्धांत के साथ परीक्षा को पास करने पर होनी चाहिए। फैसला सुनाते हुए जस्टिस शाह ने कहा, 'गुजरात हाई कोर्ट और राज्य सरकार का नोटिफिकेशन गलत है। सर्वोच्च न्यायालय के जजों ने ये भी कहा, यह अंतरिम आदेश है। ज्ञात हो कि, जस्टिस शाह 15 मई को रिटायर हो रहे हैं। अब ऐसे में चीफ जस्टिस की ओर से जो जज नामित होंगे, वो आगे इस मामले की सुनवाई करेंगे।

जजों का चयन अब नए सिरे से

गुजरात के 68 जजों के प्रमोशन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद अब नए सिरे से जजों का चयन होगा। ऐसे में जजों के प्रमोशन और नियुक्ति को आमान्य माना जाएगा। देखना होगा कि, हाई कोर्ट जब फिर जजों की सूची बनाएगा तो उसमें किस नियम के तहत लिस्ट तैयार होगी।

...तो 40 जज हो जाएंगे लिस्ट से बाहर

वहीं, कानूनी मामलों के जानकार बताते हैं कि अगर, नई लिस्ट मेरिट और सीनियोरिटी के आधार पर बनी तो इस सूची से कम से कम 40 जजों के नाम बाहर हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जिन जजों के प्रमोशन सूची पर रोक लगाई है उनमें मानहानि मामले में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और संजय सिंह (Sanjay Singh) को समन करने वाले जज जयेश एल चोवटिया (Judge Jayesh L Chowtia) का भी नाम शामिल है।

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