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सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला मंदिर मामले में पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई के लिए हुआ तैयार
नई दिल्ली: सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा लगातार गरमाता ही जा रहा है। मंदिर के अंदर महिलाओं के प्रवेश पर संशय अभी भी बना हुआ है। वहीं गुरुवार को सबरीमाला मंदिर पर जारी विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई दोपहर 3 बजे से शुरू हो गई। जो अभी भी जारी है। जिसमें कोर्ट अपने पूर्व में दिए गये फैसले पर पुनर्विचार करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस आरएफ नरिमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की पीठ ने 45 पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई की। जिस पर अदालत ने सभी पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की मांग स्वीकार कर ली है।
यहां बता दे कि करीब 45 याचिकार्ताओं ने कोर्ट से अपने पूर्ववर्ती फैसले पर दोबारा से विचार करने की अपील की है। जिस पर आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदू मल्होत्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ इस पर सुनवाई करेगी। मालूम हो कि कोर्ट ने लगभग दो महीने पहले सभी उम्र की महिलाओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए थे। दक्षिण पंथी कार्यकर्ता इस फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सदियो से चली आ रही परंपरा के खिलाफ आए कोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर दिया है। चार दिन पहले ही मंदिर तीन महीने तक चलने वाली वार्षिक यात्रा के लिए खुलने वाला है। याचिकार्ताओं का तर्क है कि आस्था को वैज्ञानिक ढंग द्वारा तय नहीं किया जा सकता है। उनका कहना है कि प्रजनन की उम्र वाली महिलाओं को इसलिए मंदिर में आने की इजाजत नहीं है क्योंकि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे।
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