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Sushma Swaraj Death Anniversary: हमेशा याद आयेंगी सुषमा, आइये जानिए कैसा रहा उनका जीवन और करियर
Sushma Swaraj Death Anniversary: भारत की पूर्व सुषमा स्वराज की आज पुण्यतिथि है। ओजस्वी वक्ता मिलनसार अत्यंत प्रभावशाली व्यक्तित्व की धनी और एक सक्षम राजनेता... यह तमाम खूबियां देश की उस बेटी में थीं।
Sushma Swaraj Death Anniversary: भारत की पूर्व सुषमा स्वराज की आज पुण्यतिथि है। भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हुआ था। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर थी। ओजस्वी वक्ता मिलनसार अत्यंत प्रभावशाली व्यक्तित्व की धनी और एक सक्षम राजनेता... यह तमाम खूबियां देश की उस बेटी में थीं। सुषमा स्वराज, भारतीय राजनीतिक दल भाजपा की प्रमुख नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री थीं। उनका जन्म 14 फरवरी 1952 को हुआ था और मृत्यु 6 अगस्त 2019 को हो गई थी। सुषमा स्वराज एक प्रख्यात विधायिका, वकील और सांसद थीं, और उन्हें अपने समर्पण और लोकप्रियता के लिए जाना जाता था।
सुषमा स्वराज का प्रारंभिक जीवन
सुषमा स्वराज का प्रारंभिक जीवन बहुत रंगीन और उत्साहभरा रहा। वे 14 फरवरी, 1952 को हरियाणा राज्य के अंबाला शहर में पंडित हरदयाल शर्मा और श्रीमती लिलावती शर्मा के घर जन्मी थीं। उनका पूरा नाम सुषमा शर्मा था, लेकिन उन्हें बाद में सुषमा स्वराज के नाम से मशहूर किया गया।
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सुषमा स्वराज की शिक्षा
सुषमा स्वराज ने अपनी शिक्षा को दिल्ली के संता कृष्णा गीता बाल मंदिर और विश्वभारती विद्यालय, बृहदीश्वर में पूरा किया। वे बहुत चतुर और उच्च अध्ययनशील विद्यार्थी थीं और अपनी शिक्षा में भी उत्कृष्टता प्रदर्शित करती थीं। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान नेशनल डीबेट के ताज के रूप में भी काम किया और इससे उनकी बातचीती क्षमता और भाषण विद्या की प्रशिक्षण शुरुआत हुई। सुषमा स्वराज ने सनातन धर्म कॉलेज से पोलिटिकल साइंस में डिग्री ली। उसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय से लौ पूरा करा। २० वर्ष की उम्र में ही उन्होंने सुप्रीम सूरत में वकील के तौर पर अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी थी ।
सुषमा स्वराज का राजनैतिक करियर
सुषमा स्वराज ने वर्ष 1970 में छात्र नेता के तौर पर अपना राजनैतिक करियर प्रारम्भ करा था। सुषमा स्वराज ने अपने जीवन के दौरान एक विविध और सफल राजनीतिक करियर दिखाया। उन्होंने भारतीय राजनीति में लंबे समय तक सेवा की और विभिन्न पदों पर काम किया। उनके करियर की कुछ मुख्य पदों के बारे में निम्नलिखित है:
1) विधायिका: सुषमा स्वराज ने 1977 में राष्ट्रीय सर्वे संसदीय विधान सभा चुनाव में अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के अंबाला स्थान से संसदीय विधान सभा की सदस्य चुनी गईं।
2) मंत्री पद: सुषमा स्वराज ने 1996 में दूसरी बार संसदीय चुनाव में विजयी होकर लोकसभा के सदस्य के रूप में चुनावी क्षेत्र विदिशा से चुनाव जीता। उन्होंने विभिन्न केंद्रीय मंत्रिमंडलों में विभिन्न पदों पर सेवा की, जैसे कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री, संस्कृति और पर्यटन मंत्री और भाषा एवं ग्रामीण विकास मंत्री।
3) विदेश मंत्री: सुषमा स्वराज ने 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में विदेश मंत्री के रूप में काम किया। उनके अध्यक्षता में भारतीय विदेश नीति में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए और उन्होंने देश की विदेशी रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए। उनके कार्यकाल में उन्होंने अपने समर्थकों के बीच बड़ा पसंदीदा और शुश्रूषा बन गई थीं।
सुषमा स्वराज का विवाह
सुषमा स्वराज का विवाह श्री स्वराज कौशल से हुआ था। उन्होंने 13 जुलाई, 1975 में श्री स्वराज कौशल के साथ शादी की। स्वराज कौशल एक प्रसिद्ध दिल्ली के वकील थे और उन्होंने अपने वकालती करियर में कई महत्वपूर्ण मामलों पर काम किया था। सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल के बीच प्यार एक वकील कार्यालय में हुआ था, जिससे उनकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने अपने प्रेम और समर्थन के साथ एक-दूसरे का विवाह किया और एक साथ खुशियों और संघर्षों के सफल जीवन जीने का संकल्प लिया। दोनों के बीच का प्यार और समर्थन उनके जीवन की एक महत्वपूर्ण ऊर्जा के स्रोत बना रहा।
सुषमा स्वराज को प्राप्त पुरस्कार
1) पद्मा भूषण: सुषमा स्वराज को 2016 में भारत सरकार द्वारा पद्मा भूषण, दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2) पद्म श्री: उन्हें 1980 में पद्म श्री, चतुर्थ श्रेणी का सम्मान मिला था।
3) बंधन रत्न: सुषमा स्वराज को 1996 में बंधन रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
4) जम्मू और कश्मीर रत्न: उन्हें 2004 में जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर रत्न से सम्मानित किया गया था।
5) भारतीय संसद से सम्मान: सुषमा स्वराज को भारतीय संसद में उच्चतम सम्मान के रूप में मुख्य वक्ता के रूप में पहचाना गया था।
सुषमा स्वराज का निधन
सुषमा स्वराज का निधन 6 अगस्त, 2019 को हुआ था। उन्हें दिल्ली के आल एमएस अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने के कारण भारतीय राजनीति और देश के लिए एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में खो दिया गया था। उनकी मृत्यु के समय उम्र 67 वर्ष थी। उनके निधन ने देश भर में शोक की भावना उत्पन्न की और उन्हें एक योगदानी, कुशल नेता और देशवासियों के दिलों में स्थान बनाने वाली व्यक्ति के रूप में याद किया गया।