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सुषमा की दरियादिली! पाकिस्तानी बच्चे को भारतीय सर्जन देंगे जीवनदान
नोएडा : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल के बाद पाकिस्तान के बेटे का इलाज नोएडा के जेपी अस्पताल में हो सकेगा। यहाँ पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन डॉ राजेश शर्मा रोहान का इलाज करेंगे।
चार माह का पाकिस्तान का बालक
केंद्रीय मंत्री सुषमा की विशेष पहल के कारण ही 4 माह के शिशु रोहान का भारत आकर ईलाज कराना संभव हो रहा है। रोहान के माँ-बाप पाकिस्तान लाहौर के निवासी हैं, रोहान 12 जून को अपनी हार्ट सर्जरी कराने जेपी हॉस्पिटल, नोएडा आयेगा। रोहान के दिल में छेद है। जेपी हॉस्पिटल आने के बाद सर्वप्रथम पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आशुतोष मारवाह शिशु की पूरी जांच करेंगे, इसके बाद कार्डियक सर्जन डॉ. राजेश शर्मा एवं उनकी टीम द्बारा ऑपरेशन किया जाएगा।
युद्ध विराम के उल्लघंन के चलते नहीं मिल रहा था वीजा
पाकिस्तान द्बारा बार-बार युद्ध विराम के उल्लंघन के कारण भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंध बहुत ही खराब चल रहे हैं। 4 माह का शिशु रोहान ह्रदय की अति जटिल बीमारी से ग्रस्त है, और उसके माता-पिता भारत आकर जेपी हॉस्पिटल में उसका ईलाज कराना चाहते हैं। लेकिन उन्हें वीजा नहीं मिल रहा था।
सोशल साइट का लिया सहारा
वीजा प्राप्त करने के अथक प्रयासों के विफल हो जाने के बाद रोहान के पिता कनवाल सादिक ने वीजा प्राप्त करने के लिए अनौपचारिक तरीके से कोशिशें शुरू कर दीं, और सोशल साइट ट्विटर पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से वीजा के लिए गुहार लगाई। विदेश मंत्री सुषमा से 4 महीने के शिशु रोहान की पीड़ा देखी नहीं गई, और उन्होंने जेपी हॉस्पिटल में ईलाज कराने हेतु भारत आने के लिए कनवाल सादिक को वीजा देने की हामी भर दी।
विदेश मंत्री ने रोहान के माता-पिता को पाकिस्तान स्थित भारतीय विदेश मंत्री के कार्यालय में संपर्क करने की सलाह दी। सुषमा स्वराज के मानवीय प्रयासों के बाद रोहान को वीजा मिला और वह 12 जून को बाघा बोर्डर के रास्ते नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं।
जेपी हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. मनोज लूथरा ने बताया, "रोहान की सर्जरी के लिए भारत के कई अस्पतालों में से जेपी हॉस्पिटल का चयन किया जाना हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात है। सुषमा स्वराज द्वारा किए गए मानवीय सहयोग के लिए हम उनका दिल से आभार प्रकट करते हैं। रोहान की जिस तरह की बीमारी है, उसका समय पर इलाज करना बहुत जरूरी है। ऐसे में विदेश मंत्री ने दोनों देशों के तनाव को अलग रखकर मानवीय धर्म को प्राथमिकता दी, जो एक बहुत अच्छी मिसाल है।"
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