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Prayagraj Maha Kumbh: भगदड़ के बाद महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर बोले स्वामी चिदानंद, श्रद्धालुओं से की ये खास अपील

Swami Chidanand Saraswati on Mahakumbh stampede: प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बात की है। इसके साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओंसे खास अपील की है।

Sakshi Singh
Published on: 30 Jan 2025 1:19 PM IST (Updated on: 30 Jan 2025 1:19 PM IST)
Swami Chidanand Saraswati on Mahakumbh stampede
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Swami Chidanand Saraswati on Mahakumbh stampede 

Prayagraj Maha Kumbh: प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं परस परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बात की है। उन्होंने कहा कि हम सभी दुखी हैं। यहां स्नान के लिए आने वाले सारे श्रद्धालु केवल कुछ लोग नहीं बल्कि हमारा परिवार हैं। प्रभु से प्रार्थना है कि जो लोग हमें छोड़ कर चले गए हैं, उन्हें मोक्ष प्रदान करें और जो घायल अवस्था में हैं वे शीघ्र ही स्वस्थ हों।

स्वामी चिदानंनद के कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने पूरी टीम को लगाया हुआ है ताकि इस प्रकार की दूसरी कोई घटना न घटे। साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि नियमों का पालन करें और प्रशासन ने जो कहा है उन सभी बातों का ध्यान रखें।

मौनी अमवास्या पर हुआ बड़ा हादसा

बता दें कि बीते दिन यानी मंगलवार और बुधवार के दरमियान देर रात महाकुंभ के दूसरे और सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मच गई। भगदड़ देर रात 1.30 बजे के आसपास हुई। उस समय 100 मीटर में श्रद्धालु संगम नोज पर सो रहे थे। सो रहे लोगों के दोनों किनारों से भीड़ संगम नोज पर स्नान के लिए जा रही थी। भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा था। वहां सो रहे लोग पुलिस के बार-बार एनाउंस करने के बाद भी उठ नहीं रहे थे।

अचानक भीड़ का दबाव बढ़ा

इस बीच अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया और श्रद्धालु सोते हुए लोगों के ऊपर गिरना शुरू हो गए। जान बचाने को सो रही भीड़ उठकर भागने की कोशिश करने लगी। तभी एक के ऊपर एक लोग गिरते चले गए। अपने बैग पर सिर नीचे रखकर सो रहे लोगों के ऊपर से भीड़ निकलती चली गई। लोग जैसे सो रहे थे, सोते ही रहे। उनके ऊपर भी गिरे लोगों को भीड़ कुचलती चली गई।

10 मिनट में कुछ दिखा मंजर

अपनी जान बचाने के लिए जिसको जहां जगह मिली वहीं भाग पड़ा। नीचे कौन दब रहा है, किसकी जान जा रही है, इसकी को परवाह नहीं कर रह था। भीड़ बेकाबू हो गई। 10 मिनट में गंगा की रेती में भयावह मंजर दिखा। वहां लोगों के कपड़े, बैग, कंबल, जूते, मोबाइल और सारा सामान सब बिखरे पड़े मिले।



Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

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