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UP Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से रिक्त विधान परिषद की सीट पर होगा उप चुनाव, नामांकन कल से, भाजपा का जीतना तय

UP Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के साथ ही इस वर्ष 20 फरवरी को विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था। उनका कार्यकाल छह जुलाई, 2028 तक था।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 24 Jun 2024 3:54 PM IST
Swami prasad Maurya
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Swami prasad Maurya

UP Politics: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की एक सीट के लिए उप चुनाव होगा। यह सीट स्वामी प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई है। विधान परिषद की इस रिक्त सीट के उपचुनाव के लिए मंगलवार से नामांकन शुरू होंगे।

नामांकन पत्र दो जुलाई तक भरे जा सकेंगे। विधान परिषद की यह सीट विधानसभा क्षेत्र कोटे की है। इसमें विधानसभा के सदस्य यानी विधायक ही वोट डालते हैं। ऐसे में विधायकों के संख्याबल के हिसाब से यह सीट भाजपा के खाते में जानी तय है।


छह जुलाई 2028 तक था कार्यकाल-

स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के साथ ही इस वर्ष 20 फरवरी को विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था। उनका कार्यकाल छह जुलाई, 2028 तक था। इस रिक्त सीट के उपचुनाव की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो रही है। अब देखना यह होगा कि भाजपा इस सीट पर किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है। वहीं यह भी देखना होगा कि क्या विपक्ष भी अपने उम्मीदवार उतारेगा। अगर विपक्ष भी अपने उम्मीदवार उतारता है तो इसके लिए चुनाव होना तय है। अगर चुनाव भी होता है तो भी संख्या बल के हिसाब से इस सीट पर भाजपा की जीत तय है। ऐसे में हो सकता है कि विपक्ष अपने उम्मीदवार न उतारे और सत्ता पक्ष का उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिया जाए।


स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा छोड़ भाजपा में आए थे, फिर...

स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बसपा छोड़कर भाजपा में आए थे और पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव लडे़ थे और फिर विधायक बन गए। मौर्य योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में मंत्री भी रहे, लेकिन 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा छोड़ दी और सपा में चले गए। सपा ने उन्हें फाजीलनगर विधानसभा से चुनाव लड़ाया था लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें विधान परिषद भेजा था। लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में भी ज्यादा दिन तक नहीं टिके और उन्होंने पार्टी छोड़ दी और उसके साथ ही विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था।



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Shalini Rai

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