BJP vs BJP: स्वामी का लैटर बम, राष्ट्रपति से सेना के लिए मांगा न्याय

अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस बार रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को लेकर लैटर बम गिराया है।जिस पर घमासान होना तय माना जा रहा है। स्वामी समय समय पर भाजपा नेतृत्व की धड़कनें बढ़ाते रहते हैं।इस बार उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है और अपनी ही पार्टी की सांसद और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर

Anoop Ojha
Published on: 7 Feb 2018 8:29 AM GMT
BJP vs BJP: स्वामी का लैटर बम, राष्ट्रपति से सेना के लिए मांगा न्याय
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BJP vs BJP: स्वामी का लैटर बम, राष्ट्रपति से सेना के लिए मांगा न्याय

नई दिल्ली:अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस बार रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को लेकर लैटर बम गिराया है।जिस पर घमासान होना तय माना जा रहा है। स्वामी समय समय पर भाजपा नेतृत्व की धड़कनें बढ़ाते रहते हैं।इस बार उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है और अपनी ही पार्टी की सांसद और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर कार्रवाई की मांग की है।

इस पत्र में उन्होंने सेना पर एफआईआर दर्ज किये जाने को मुद्दा बनाया है।अपनी शिकायत में स्वामी ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वह इस संवेदनशील मामले पर एक्शन लें और रक्षा मंत्री से जवाब तलब करें कि देश की रक्षा के लिए जान हथेली पर रखने वाले जवानों पर केस दर्ज करने की इजाजत किसने दी।

इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में लिखा था कि रक्षा मंत्री सीतारमण ने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में सेना पर हुई एफआईआर पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के दिए बयान को खारिज करने से मना कर दिया,यह रक्षा मंत्री का पूर्व अनुमोदित विचार लगता है।रक्षा मंत्री की हफ्ते भर की खामोशी पर पार्टी को ध्यान देना चाहिए। हम एफआईआर की अनुमति नहीं दे सकते हैं।

पिछले हफ्ते सेना के 30 ट्रकों का काफिला दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से होकर गुजर रहा था।काफिले से कुछ ट्रक अलग हो गए थे।10 गढ़वाल राइफल्स के सैनिकों का काफिला मूवमेंट के लिए बालपुरा से निकला था।गनापुरा इलाके में कट्टरपंथियों को इस बारे में भनक लगी तो करीब 200 पत्थरबाज इकट्ठा हो गए।हाल ही में इस इलाके में सेना ने हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी फिरदौस को ढेर कर दिया था, इसे लेकर तनाव बना हुआ था।

पत्थरबाजों ने सेना के काफिले से अलग हुए जवानों को घेर लिया।पत्थरबाजों के हमले में सेना के जेसीओ घायल होकर बेहोश हो गए। स्थिति को काबू करने के लिए जवानों ने हवा में फायरिंग की। लेकिन पत्थरबाजों के और नजदीक आने पर आत्मरक्षा में जवानों ने गोली चला दी और तीन लोग मारे गए।पुलिस ने सेना के मेजर और जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद सेना ने भी एक काउंटर एफआईआर दर्ज कराई।

स्वामी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर की मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में खुलासा किया है कि रक्षा मंत्री की अनुमति के बाद ही जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार के निर्देश पर सेना और उसके एक अफसर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई। मुख्यमंत्री के खुलासे के 10 दिन बाद भी सीतारमण की खामोशी बताती है कि इसमें उनकी सहमति है।

स्वामी ने लिखा है कि आफ्पसा के सेक्‍शन 7 के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए भारत सरकार की अनुमति जरूरी है। स्वामी ने इसी बात को मुद्दा बनाते हुए सवाल किया है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की रक्षा और देश की अखंडता कायम रखने के लिए हमारी सेना के जवान रोज जान गंवाते हैं।पाकिस्तान से पैसे लेकर सेना पर पत्थर चलाने वाली भाड़े के टट्टुओं को सभी जानते हैं जो जवानों की हत्या करने से भी खौफ नहीं खाते और इन्हीं परिस्थितियों में मौत सामने देख सैनिकों ने गोली चलाई जिसमें मौके पर ही दो पत्थरबाजों की मौत हो गई। बलवाइयों का हंगामा बढ़ा तो महबूबा सरकार ने सेना के ख़िलाफ़ ही एफआईआर दर्ज करा दी और सेना की वो सफाई नहीं सुनी गई जो फायरिंग के बाद जारी की गई थी।

शोपियां फायरिंग पर सेना ने अपने बयान में कहा था कि जवानों ने सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई थी। भीड़ अफसर को जान से मारना चाहती थी।हथियार लूटना चाहती थी। जवानों की गाड़ियों को आग लगाना चाहती थी। जब भीड़ काफी करीब आई तो गोली चलानी पड़ी। सेना के बयान की पुष्टि वो तस्वीरें और काफिले की टूटी गाड़ियां भी कर रही हैं।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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