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स्वाति मालीवाल केसः आरोप साबित हुए तो CM केजरीवाल के PA विभव कुमार को हो सकती है 10 साल तक की सजा!
Swati Maliwal Case: पुलिस ने विभव कुमार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रयास, महिला के खिलाफ आपराधिक बल के इस्तेमाल समेत आईपीसी की धारा 354, 506, 509, 323 के तहत मामला दर्ज किया है।
Swati Maliwal Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर उनके PA विभव कुमार द्वारा कथित मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में दिल्ली पुलिस विभव कुमार को अरेस्ट कर चुकी है और पूछताछ कर रही है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने घटनाक्रम की पुष्टि के लिए मुख्यमंत्री आवास से 8 CCTV कैमरों की फुटेज एकत्र की है। उन्होंने कुछ सुरक्षाकर्मियों के बयान भी दर्ज किए हैं, जो घटना के समय वहां मौजूद थे। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस की एक टीम मुख्यमंत्री के सहयोगी एवं मामले में आरोपी विभव कुमार के घर भी गई, लेकिन वह वहां मौजूद नहीं थे। विभव पर स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने का आरोप है।
पुलिस ने मामले में एक दिन पहले ही विभव कुमार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रयास, महिला के खिलाफ आपराधिक बल के इस्तेमाल समेत आईपीसी की धारा 354, 506, 509, 323 के तहत मामला दर्ज किया है।
Swati Maliwal Case: दिल्ली पुलिस ने CM केजरीवाल के PA विभव कुमार को किया गिरफ्तार
अब यहां सवाल यह उठता है कि अगर केजरीवाल के पीए विभव कुमार पर मालीवाल के आरोप सच साबित होते हैं तो उन्हें इस मामले में कितनी सजा हो सकती है। पुलिस ने एफआईआर में जो धाराएं लगाई हैं, उसके मुताबिक क्या-क्या सजा का प्रावधान कानूनी किताब में है।
जानिए क्या कहती हैं एफआईआर की धाराएं?
राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने विभव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
-आईपीसी की धारा 354 किसी भी स्त्री की मर्यादा को ठेस पहुंचाने से संबंधित है। इसमें दोषी व्यक्ति को एक से पांच साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा कोर्ट दोषी व्यक्ति पर जुर्माना भी लगा सकता है।
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-वहीं आईपीसी की धारा 506 आपराधिक धमकी से जुड़ा है। इसके तहत दो साल की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
-आईपीसी की धारा 509 के अनुसार किसी भी महिला को अपमानित करने के लिए कुछ कहना, इशारे करना या कुछ हरकत करने से जुड़ा है। इसके तहत भी अधिकतम दो साल की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
-इसके अलावा आईपीसी की धारा 323 किसी भी शख्स को जानबूझकर चोट पहुंचाने से संबंधित है। इसके तहत दोषी को एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
-अगर पुलिस स्वाति मालीवाल के अन्य आरोपों पर गैर इरादन हत्या यानी आईपीसी की धारा 304 के तहत भी आरोप लगाती है और वह जांच में सच साबित होता है तो अदालत विभव कुमार को इस धारा के जुर्म में 10 साल कैद या आजीवन कारावास की भी सजा सुना सकती है। इसके अलावा जुर्माना भी लगा सकती है।