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Tabrez Ansari Lynching: तबरेज लिंचिंग केस में 4 साल बाद आया फैसला, सरायकेला कोर्ट ने सभी दोषियों को सुनाई 10 साल की सजा
Tabrez Ansari Lynching Case : झारखंड के बहुचर्चित तबरेज अंसारी लिंचिंग केस में 05 जुलाई को अदालत ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी 10 दोषियों को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया। सभी को 10 साल कैद की सजा सुनाई।
Tabrez Ansari Lynching Case : झारखंड के चर्चित तबरेज अंसारी लिंचिंग केस (Tabrej Ansari Lynching) में बुधवार (05 जुलाई) को अदालत का बड़ा फैसला आया। तबरेज मौत मामले में सरायकेला कोर्ट (Seraikela Court) ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी 10 दोषियों को IPC की धारा- 304 के तहत 10 साल कैद की सजा सुनाई है।
सरायकेला कोर्ट ने जिन दोषियों को सजा सुनाई उनमें भीम सिंह मुंडा (Bhim Singh Munda), कमल महतो (Kamal Mahto), मदन नायक (Madan Nayak), अतुल महाली (Atul Mahali), सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल (Vikram Mandal), चामू नायक, प्रेम चंद महाली (PremChand Mahali) और महेश महाली का नाम है। इन सभी को हिरासत में ले लिया गया है।
क्या था मामला?
तबरेज अंसारी मामला 18 जून 2019 का है। झारखंड के धातकीडीह में चोरी के शक में स्थानीय भीड़ ने तबरेज अंसारी की जमकर पिटाई की थी। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने आरोपी को मेडिकल परीक्षण के बाद न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया। अचानक तबरेज की तबीयत बिगड़ गई। आख़िरकार, 21 जून को तबरेज अंसारी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहीं इलाज के दौरान 22 जून को तबरेज की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी पप्पू मंडल (Main Accused Pappu Mandal) को छोड़ शेष सभी 12 आरोपी जमानत पर थे। लेकिन, अदालत ने बुधवार को 10 दोषियों को सजा सुनाई। इन सभी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज था।
'तबरेज की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी'
बचाव पक्ष के वकील एससी हाजरा (SC Hazra) ने जानकारी दी कि, 'पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है। तबरेज की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी। मगर, उसे दुष्प्रचारित किया गया। पॉलिटिक्स और पुलिस ने मिलकर केस को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया। एससी हाजरा कहते हैं, हमें कानून पर भरोसा था, कि न्याय जरूर मिलेगा।'