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लंबा हुआ टैल्गो से सफर का इंतजार, चौथे ट्रायल में उजागर हुईं खामियां
ट्रेन ने दिल्ली-मुंबई के बीच 1384 किमी की दूरी 12 घंटे 7 मिनट में पूरी की। इससे पहले 7 अगस्त को इसी रूट पर ट्रेन ने राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार को पीछे छोड़ा था। टैल्गो ने यह दूरी 13 घंटे में पूरी की थी, जबकि राजधानी 16 घंटे लेती है। इस ट्रायल के बाद रेलवे ने समय के लिहाज से ट्रायल को सफल बताया, लेकिन यह भी खुलासा हुआ कि ट्रेन की चौड़ाई और फुटबोर्ड की ऊंचाई कम है।
नई दिल्ली: टैल्गो ट्रेन में सफर का इंतजार थोड़ा और लंबा हो गया है। हालांकि, बुधवार को ट्रेन ने दिल्ली-मुंबई के बीच की दूरी 12 घंटे 7 मिनट में पूरी करके भारतीय रेल इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बनाया। लेकिन टैल्गो के इस चौथे और महत्वपूर्ण ट्रायल में कुछ खामियां भी उजागर हो गई हैं। आम लोगों के लिए इसके दरवाजे अब इसमें सुधार होने के बाद ही खुलेंगे।
उजागर हुईं खामियां
-बुधवार को टैल्गो ने अपना चौथा ट्रायल रन पूरा कर लिया। ट्रेन ने दिल्ली-मुंबई के बीच 1384 किमी की दूरी 12 घंटे 7 मिनट में पूरी की।
-इससे पहले 7 अगस्त को इसी रूट पर ट्रेन ने राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार को पीछे छोड़ा था। टैल्गो ने यह दूरी 13 घंटे में पूरी की थी, जबकि राजधानी 16 घंटे लेती है।
-इस ट्रायल के बाद रेलवे ने समय के लिहाज से ट्रायल को सफल बताया, लेकिन यह भी खुलासा हुआ कि ट्रेन की चौड़ाई और फुटबोर्ड की ऊंचाई कम है।
-इस जानकारी के सामने आने के बाद इसे प्लेटफॉर्म पर उतारने का फैसला फिलहाल टल गया है।
-रेलवे ने कहा कि टैल्गो निर्माण करने वाली स्पेनिश कंपनी को ट्रेन में कुछ बदलाव के सुझाव दिए गए हैं।
रफ्तार में रही सफल
-भारतीय रेलवे ने 28 मई को इस स्पैनिश टैल्गो ट्रेन के कोचों का बरेली के इज्जतनगर और भोजपुर स्टेशनों के बीच पहला सेंसर ट्रायल किया था।
-फिर 29 मई को बरेली और मुरादाबाद के बीच 9 डिब्बों की टैल्गो ट्रेन की स्पीड का पहला ट्रायल किया गया। ट्रेन 115 किमी की रफ्तार से दौड़ी।
-9 जुलाई को अपने दूसरे ट्रायल में पलवल से मथुरा के बीच ट्रेन ने 120 किमी की रफ्तार दिखाई। इस ट्रायल में रेलवे और स्पेन के सीनियर अफसर भी ट्रेन में मौजूद थे।
-13 जुलाई को ट्रेन ने मथुरा पलवल के इस रूट पर 180 किमी से दौड़ लगाई। ट्रेन ने 80 किमी की दूरी सिर्फ 39 मिनट में पूरी की।
-टैल्गो का पांचवा और आखिरी ट्रायल 14 अगस्त को होना है।