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'संवेदनशील इलाकों में RSS को पथ संचलन की अनुमति नहीं', सुप्रीम कोर्ट में बोली तमिलनाडु सरकार
DMK vs RSS in Tamil Nadu: तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को संवेदनशील इलाकों में पथ संचलन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
DMK vs RSS in Tamil Nadu: तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार (03 मार्च) को सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) को बताया कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पथ संचलन के पूर्ण विरोध में नहीं है। एम के स्टालिन सरकार (MK Stalin Govt.) ने कहा, संवेदनशील इलाकों में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। वहीं, RSS ने शीर्ष अदालत को आश्वस्त किया, कि वह 5 मार्च को राज्य में कोई पथ संचलन नहीं करने जा रहा। क्योंकि, संघ ने अपनी रैली स्थगित करने का फैसला लिया है।
RSS की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी (Mahesh Jethmalani) पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट से कहा कि, RSS 11 या 12 मार्च तक कुछ भी नहीं कर रहा। वहीं, तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी (Senior Advocate Mukul Rohatgi) पेश हुए। सर्वोच्च न्यायालय से 17 मार्च तक सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया।
प्रस्तावित मार्गों पर बातचीत करेंगे
अदालत में तमिलनाडु सरकार की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने ये भी बताया कि, वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पथ संचलन के लिए प्रस्तावित मार्गों पर बातचीत करेंगे। क्योंकि वे इसके पूरी तरह विरोध में नहीं हैं। इसके बाद जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन (Justice V Ramasubramanian) और जस्टिस पंकज मित्तल (Justice Pankaj Mittal) की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई 17 मार्च के लिए स्थगित कर दी।
हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ SC गई सरकार
तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) के बीते 10 फरवरी के उस निर्देश को चुनौती दी है, जिसमें राज्य पुलिस को RSS को पथ संचलन की अनुमति देने को कहा गया था। हाई कोर्ट के उसी निर्देश के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।
'PFI के प्रभाव वाले इलाकों में अनुमति नहीं'
तमिलनाडु की एम.के.स्टालिन सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, 'वे राज्य भर में RSS द्वारा पथ संचलन तथा जनसभाओं का पूरी तरह से विरोध नहीं कर रहे। लेकिन, इसे हर गली और मुहल्ले में अनुमति नहीं दी जा सकती। रोहतगी ने अदालत को बताया कि, सरकार ने PFI के प्रभाव वाले संवेदनशील और अशांति वाले सीमावर्ती इलाकों में रूट मार्च आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार किया है।'