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Senthil Balaji Case: तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को कोर्ट ने दिया झटका, नहीं दी अंतरिम जमानत

Senthil Balaji Case: चेन्नई की प्रधान सत्र न्यायालय ने मंत्री सेंथिल की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अंतरिम जमानत की मांग करते हुए ईडी की 14 दिनों की रिमांड खारिज करने की मांग की थी।

Krishna Chaudhary
Published on: 15 Jun 2023 3:17 PM IST
Senthil Balaji Case: तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को कोर्ट ने दिया झटका, नहीं दी अंतरिम जमानत
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Senthil Balaji Case (photo: social media )

Senthil Balaji Case: तमिलनाडु सरकार में प्रभावशाली और धनवान कैबिनेट मंत्री सेंथिल बालाजी को जल्द राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद अंतरिम जमानत के लिए राज्य के बिजली मंत्री ने आज कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से उन्हें निराशा मिली है। राजधानी चेन्नई की प्रधान सत्र न्यायालय ने मंत्री सेंथिल की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अंतरिम जमानत की मांग करते हुए ईडी की 14 दिनों की रिमांड खारिज करने की मांग की थी।

इसी कोर्ट में ईडी द्वारा सेंथिल बालाजी की पुलिस हिरासत की मांग की गई है, जिस पर अभी सुनवाई नहीं हुई है। डीएमके नेता को कल यानी बुधवार शाम को लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हुई। स्टालिन सरकार के मंत्री की गिरफ्तारी को लेकर चेन्नई में खूब ड्रामा देखने को मिले। इसके अलावा समूचे विपक्ष की ओर से ईडी की इस कार्रवाई की तीखी निंदा की गई।

न्यायिक हिरासत में हैं सेंथिल बालाजी

सेंथिल बालाजी जॉब फॉर कैश घोटाले में फंसे हुए हैं। ईडी ने उन्हें कल गिरफ्तार कर अदालत में जब पेश किया तो बताया कि 2014-15 में परिवहन मंत्री के पद पर रहने के दौरान उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग किया। नौकरी देने के नाम पर लोगों से पैसे लिए गए। जांच एजेंसी की इस दलील के बाद चेन्नई की स्थानीय अदालत ने सेंथिल को 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

बता दें कि जिस समय यह घोटाला हुआ था, उस दौरान एआईडीएमके की सरकार थी। दिवंगत सीएम जयललिता के बेहद करीबी रहे सेंथिल तब तत्कालीलन विपक्ष के नेता और मौजूदा सीएम एम के स्टालिन पर करप्शन को लेकर निशाने पर रहा करते थे। लेकिन जयललिता के निधन के बाद उन्होंने अपना पाला बदल लिया और डीएमके में शामिल हो गए। स्टालिन ने उनके ऊपर लगे गंभीर आरोपों को दरकिनार करते हुए न केवल पार्टी बल्कि 2021 में जब सत्ता आई तो उन्हें बिजली और आबकारी जैसे मलाईदार विभागों का मंत्री बना दिया।

तमिलनाडु में सीबीआई को अब लेना होगा परमिशन

मोदी सरकार में स्टालिन सरकार के किसी प्रभावशाली कैबिनेट मंत्री के खिलाफ किसी केंद्रीय जांच एजेंसी ने पहली कार्रवाई की है। जिसके कारण सियासी माहौल गरमाया हुआ है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंत्री सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सीबीआई को अब राज्य में किसी प्रकार की जांच के लिए प्रदेश सरकार से पहले परमिशन लेनी होगी। इस प्रकार तमिलनाडु ऐसा आदेश जारी करने वाला देश का 10वां राज्य बन गया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मेघालय, मिजोरम और झारखंड ऐसे आदेश जारी कर चुके हैं। महाराष्ट्र भी पहले इस श्रेणी में शामिल था लेकिन उद्धव सरकार के गिरने के बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया था।

हालांकि, यहां आपको एक बात स्पष्ट कर दें कि राज्य सरकार के इस कदम से ईडी और एनआईए की जांच प्रभावित नहीं होती है। सियासी जानकारों का कहना है कि इसलिए मोदी सरकार में सीबीआई के बजाय ईडी को विपक्षी नेताओं के खिलाफ अधिक प्रभावी ढंग से लगाया गया है।



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Krishna Chaudhary

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