×

तीन-भाषा नीति पर उदयनिधि स्टालिन ने दे डाली युद्ध की धमकी, तमिलनाडु छिड़ी राजनीति; AIADMK और DMK आमने-सामने

Udhayanidhi Stalin on Three-Language Policy: तीन-भाषा नीति के मुद्दे पर तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन कहते हैं, केंद्र तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की योजना बना रहा है। हरियाणा, बिहार और यूपी राज्यों में, हिंदी थोपने के कारण उनकी मातृभाषाएं नष्ट हो गई हैं।

Sakshi Singh
Published on: 2 March 2025 10:30 PM IST
Udhayanidhi Stalin on Three-Language Policy
X

Udhayanidhi Stalin on Three-Language Policy

Udhayanidhi Stalin on Three-Language Policy: तीन-भाषा नीति के मुद्दे पर तमिलनाडु में राजनीति छिड़ी हुई है। विपक्ष सत्ता पक्ष पर निशाना साध रहा है। विपक्ष AIADMK ने कहा कि जब DMK राज्य में विपक्ष में थी तब वह इस मुद्दे पर केंद्र को काला झंडा दिखा रही थी। अब जब सत्ता में है तो सफेद झंडा दिखा रही है। वहीं उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन कह रहे हैं कि केंद्र सरकार जबरन तमिलनाडु में थोपने की योजना बना रही है।

तीन-भाषा नीति के मुद्दे पर तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन कहते हैं, केंद्र तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की योजना बना रहा है। हरियाणा, बिहार और यूपी राज्यों में, हिंदी थोपने के कारण उनकी मातृभाषाएं नष्ट हो गई हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कहते हैं कि अगर हम केवल एनईपी को स्वीकार करते हैं, तो वे धन उपलब्ध कराएंगे, लेकिन अब वे 5,000 करोड़ रुपये से 6,000 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार हैं।

स्टालिन ने आगे कहा कि एनईपी को स्वीकार करने और हम पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रहे हैं। यदि केंद्र तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रहे हैं, तो मैं अब स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि तमिलनाडु को एक और भाषा युद्ध का सामना करना पड़ेगा। उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन इस मुद्दे पर आगे कहते हैं, तमिलनाडु के सीएम वह व्यक्ति हैं जिन्होंने चेन्नई में मेट्रो रेलवे परियोजना लाई है। सीएम ने हाल ही में तीन बातें कही हैं, हम एनईपी को स्वीकार नहीं करते हैं, हम परिसीमन को स्वीकार नहीं करेंगे और हम हिंदी थोपना स्वीकार नहीं करेंगे।

स्टालिन आज, केंद्र हिंदी भाषा को थोपने की कोशिश कर रहा है। केंद्र नई शिक्षा नीति के माध्यम से सीधे हिंदी थोपने की कोशिश कर रहा है। तमिलनाडु कभी भी नई शिक्षा नीति और हिंदी थोपने को किसी भी तरह से स्वीकार नहीं करेगा। हम (DMK) केंद्र सरकार की धमकियों से डरते नहीं हैं क्योंकि वर्तमान शासन DMK का है, AIADMK का नहीं। वर्तमान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हैं, एडप्पादी पलानीस्वामी (AIADMK प्रमुख और पूर्व सीएम) नहीं।

स्टालिन के टिप्पणी के बाद तड़ाक से एआईएडीएमके महासचिव एडप्पाडी के पलानीस्वामी का बयान सामने आ गया। वे कहते हैं, "हमने साफ तौर पर कहा है कि हम केवल दो-भाषा नीति का पालन करेंगे। जब एमके स्टालिन विपक्ष में थे, तो उन्होंने काले झंडे और गुब्बारे लहराकर पीएम मोदी का विरोध किया था। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद, वे अब पीएम मोदी को सफेद झंडा दिखा रहे हैं। जब सत्ता में होते हैं, तो वे एक तरह से काम करते हैं। जब सत्ता से बाहर होते हैं, तो दूसरे तरह से काम करते हैं - यह उनका दोहरा खेल है। डीएमके भारत गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन वह करुणानिधि के सिक्कों के विमोचन समारोह में भाजपा को आमंत्रित करता है क्योंकि उसे डर है कि भाजपा उसके खिलाफ मामले दर्ज करती रहेगी।"

Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

Next Story