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आखिर क्यों TATA को बनाना पड़ा कंडोम? जानिए 'Use Dipper At Night' का सही मतलब

Tata Condom: अब के समय में टाटा हर क्षेत्र में आगे है। एक समय ऐसा था जब टाटा ने कंडोम भी बनाया था।

Snigdha Singh
Published on: 27 Feb 2025 5:37 PM IST
आखिर क्यों TATA को बनाना पड़ा कंडोम? जानिए Use Dipper At Night का सही मतलब
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Condoms: आपने अक्सर गाड़ियों के पीछे देखा होगा लिखा रहता है कि Use Dipper At Night। इस लाइन में एक बड़ा राज छिपा है। दरअसल, एक समय ऐसा आया जब टाटा ने ट्रक ड्राइवरों के लिए कंडोम बनाने की शुरुआत की थी। टाटा ने रेडिफ्यूजन के साथ मिलकर ड्राइवरों के लिए Condom शुरू किया था। पहले इसका नाम 'वो' रखा फिर बदलकर Dipper कर दिया गया।

उन दिनों नाको के प्रमुख एसवाई कुरैशी का कहना है कि नाको ने जीवन बीमा निगम और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इस कैंपेन के लिए समझौता किया है। इसके साथ ही उन्होंने वो नाम के पीछे की कहानी बताई। कहा लोग कंडोम मांगने झिझकते हैं इसलिए इसका नाम ही वो कर दिया गया। इसके बाद डिपर हो गया। पहले इसका स्लोगन दिया कि “दिन हो या रात, डिपर रहे साथ।” डिपर के अलावा संस्था ने “हार्न प्लीज” और “ओके टाटा” नामों पर भी विचार किया था। इन नामों के पीछे भी वही वजह थी, इनका लगभग हर ट्रक के पीछे लिखा होना। आंकड़ों के अनुसार यह अभियान कारगर हुआ। बड़ी संख्या में ड्राइवरों ने इसका इस्तेमाल शुरू किया।

20 लाख ड्राइवर बनाते हैं संबन्ध

आंकड़ों के अनुसार देश में करीब 20 लाख ऐसे ड्राइवर है जो सेक्स वर्कर्स के पास जाते हैं। देश में एक समय ऐसा आया था जब लोगों में तेजी से ऐड्स और एचआईवी की शिकायतें अधिक मिल रही थीं। ऐसे में टाटा ने एक अभियान शुरू किया कि देश के ड्राइवरों को कॉन्डोम उपलब्ध कराया। रिसर्च के अनुसार 20 लाख में से 11 फीसदी ड्राइवर ऐसे हैं जो Condom का इस्तेमाल करते हैं। 89 प्रतिशत ड्राइवर बिना प्रोटेक्शन के ही संबन्ध बना रहे हैं।

बड़ा अभियान, छोटा दाम

टाटा और रेडिफ्यूजन ने मिलकर देशभर में एक बड़ा अभियान शुरू किया था। कांडोम का रैपर ट्रक के रंगों में रंगीन बनाया गया। इसके साथ ही इस कांडोम का नाम भी डिपर (Dipper) रखा गया। इसके साथ ही कॉन्डोम की टैग लाइन 'Use Dipper At Night' रखी गई। इसके बाद सभी गाड़ियों में इस स्लोग्न को प्रिंट कराया गया। वहीं, इसकी कीमत मात्र 2 रुपये रखी गई। अन्य की तुलना में ये कॉन्डोम बहुत सस्ता रहा।

पट्रोल पंप, सर्विस सेंटर और ढाबों बनें सेंटर

वैसे तो कॉन्डोम मेडिकल स्टोर या फिर कॉस्मेटिंक स्टोर पर ही मिलते हैं। चूंकि ये कॉन्डोम स्पेशल ड्राइवरों के लिए बनाए गए थे इसलिए ये कांडोम पेट्रोल पंप, सर्विस सेंटर और ढाबों पर रखे गए थे। यहां से ड्राइवर दो रुपये में प्राप्त कर सकते थे।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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