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किशोर भजियावाले ने कालेधन को सफेद करने के लिए 700 डमी अकाउंट्स का लिया था सहारा

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Published on: 26 Dec 2016 3:48 PM IST
किशोर भजियावाले ने कालेधन को सफेद करने के लिए 700 डमी अकाउंट्स का लिया था सहारा
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नई दिल्ली: सूरत में चाय बेचने वाले अरबपति किशोर भजियावाला के बारे में सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई के मुताबिक भजियावाले ने कालेधन को सफेद करने के लिए 700 लोगों का सहारा लिया था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई सूत्रों ने बताया कि किशोर भजियावाला ने नोटबंदी के बाद पैसे जमा करने और निकालने के लिए करीब 700 लोगों के डमी अकाउंट्स का उपयोग किया था। आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि अभी तक भजियावाला के 27 बैंक अकाउंट्स सामने आएं हैं, इसमें से करीब 20 अकाउंट्स बेनामी हैं।

इन अकाउंट्स के जरिए किशोर भजियावाला ने करोड़ों का कालाधन सफेद किया था। आयकर विभाग अब भी पूछताछ कर रहा है। 8 नवंबर के बाद भजियावाला ने अपने अकाउंट्स में कितने पैसे निकाले और कितने जमा किए।

आगे की स्‍लाइड में पढ़ें भुजियावाले से बना फायनेंसर...

करोड़पति चायवाला

-सूरत में एक चाय-भुजिया बेचने वाले के घर और व्यावसायिक ठिकानों पर मारे गए छापे में ढाई सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता लगा है।

-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस चाय-भुजिया वाले के 16 बैंक लॉकरों का पता लगाया है, जिनमें 8 बैंक लॉकरों से 2.5 करोड़ के हीरे और सोने के जेवरात के अलावा 75 लाख कीमत की 175 किलों चांदी बरामद की गई है।

-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तलाशी के दौरान पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक के उसके एक लॉकर से एक करोड़ रुपए से ज्यादा के 2000 वाले नए नोट जब्त किए गए हैं।

-आईटी डिपार्टमेंट ने एचडीएफसी समेत किशोर के 27 बैंक खातों का पता लगाया है।

-जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के बाद वह 15 % कमीशन लेकर पुराने नोटों से नए नोट बदलने का धंधा कर रहा था।

भुजियावाले से बना फायनेंसर

-किशोर भुजियावाला इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की निगाहों में तब चढ़ा जब उसने नोटबंदी के बाद अपने एक अकाउंट में डेढ़ करोड़ रुपए जमा किए।

-जानकारी के अनुसार कभी सूरत के उधना में ठेले पर चाय और भुजिया बेचने वाले किशोर ने एक दशक पहले ब्याज पर पैसे देने का काम शुरू कर दिया था।

-आईटी डिपार्टमेंट को छापे में मिले दस्तावेजों के अनुसार उसने ब्याज से करीब 4 करोड़ रुपए उगाही की है।

-ब्याज पर पैसे देते देते अचानक वह ‘किशोर चाय-भुजियावाले’ से ‘केके फायनेंसर किशोर भुजियावाला’ बन गया।

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