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Teesta Setalvad : तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर SC का गुजरात सरकार को नोटिस, अगली सुनवाई 25 को
Teesta Setalvad : तीस्ता सीतलवाड़ की ओर सर्वोच्च अदालत में अंतरिम जमानत की मांग करते हुए याचिका दायर की गई है। इसी मामले पर शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है।
Teesta Setalvad : साल 2002 में हुए गुजरात दंगा मामले (Gujarat Riots 2022) में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को फंसाने की साजिश रचने तथा इसके लिए झूठे सबूत आदि गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalwad) को लेकर सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी खबर आई है। तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नोटिस जारी किया है।
दरअसल, तीस्ता सीतलवाड़ की ओर सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत (Teesta Setalwad Interim Bail) की मांग करते हुए याचिका दायर की गई है। इसी मामले पर शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार (Gujarat Government) को नोटिस जारी किया है। सर्वोच्च अदालत में अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार (25 अगस्त 2022) को होगी।
तीस्ता को 26 जून को किया गया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि, साल 2002 में हुए गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश रचने तथा इसके लिए झूठे सबूत गढ़ने के आरोप में बीते 26 जून को गिरफ्तार कर लिया गया था। जकिया जाफरी (Zakia Jafri) की याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया गया था।
निर्दोषों को फंसाने के लिए तथ्य गढ़े गए
तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप है कि जकिया जाफरी की याचिका को ही आधार बनाकर फर्जी दस्तावेजों (Fake Documents) को सही बताकर कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग कर गुजरात दंगों के बारे में पुलिस को आधारहीन जानकारियां उपलब्ध करवाई। साथ ही, तीस्ता सीतलवाड़ पर गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के भी आरोप हैं। ये भी कहा गया है कि निर्दोषों को फंसाने के लिए कथित रूप से दस्तावेजों को गढ़ा गया है।
तीस्ता के साथ संजीव भट्ट पर भी FIR दर्ज
आपको बता दें कि, शीर्ष अदालत के फैसले के आधार पर सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad), आरबी श्रीकुमार (RB Sreekumar) और संजीव भट्ट (Sanjeev Bhatt) के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। हालांकि, समाज के कई लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं। इन लोगों की मांग है कि एफआईआर खारिज की जाए। इसी दर्ज केस के आधार पर तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार को हिरासत में लिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि तीस्ता सीतलवाड़ तथा अन्य जकिया जाफरी (Zakia Jafri) की भावनाओं से खेलते हुए इस याचिका को आगे ले जा रहे थे।