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बिहार: गठबंधन बचाने में तेजस्वी का होगा मुख्य किरदार, जाने उन्हें क्यों दे देना चाहिए इस्तीफा ?

देश में यादवों के दूसरे सबसे बड़े राजनीतिक परिवार पर सीबीआई छापे के बाद से ही बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर इस्तीफे का दबाब बढ़ गया है ।

tiwarishalini
Published on: 19 July 2017 2:02 PM IST
बिहार: गठबंधन बचाने में तेजस्वी का होगा मुख्य किरदार, जाने उन्हें क्यों दे देना चाहिए इस्तीफा ?
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vinod-kapoor

लखनऊ : देश में यादवों के दूसरे सबसे बड़े राजनीतिक परिवार पर सीबीआई छापे के बाद से ही बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर इस्तीफे का दबाब बढ़ गया है । इस्तीफे को लेकर जितनी बेचैनी मीडिया में दिख रही उतनी कम से कम सरकार में तो कत्तई भी नहीं है । दिलचस्प है कि सीएम नीतिश कुमार ने तेजस्वी से त्यागपत्र नहीं मांगा है। तेजस्वी को सिर्फ ये कहा गया है कि वो जनता के बीच पूरे तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखें ।

तेजस्वी के लिए तो यह सुनहरा मौका कि वो जनता के बीच जाएं और अपनी बात पूरे तथ्यों के साथ रख दें । उनका राजनीतिक जीवन अभी बहुत छोटा है । हालांकि उनकी उम्र भी अभी 29 साल ही है । पहली बार उस राघोपुर विधानसभा से जीत कर आए हैं जो उनकी मां राबडी देवी का विधानसभा क्षेत्र रहा है। पहली जीत ने ही उन्हें उपमुख्यमंत्री पद पर पहुंचा दिया है । उनकी लोकप्रियता में भी धीरे धीरे ही सही लेकिन इजाफा हो रहा था। सोशल मीडिया पर उनकी छवि इलिजेबल बैचलर की है । सोशल साइट फेसबुक पर वो लोकप्रिय भी हैं । राष्ट्रीय जनतादल को सोशल मीडिया पर लाने का श्रेय उनको जा सकता है । खुद को ,राजद या पिता लालू प्रसाद यादव को ट्विटर या फेसबुक पर वो ही लेकर आए हैं ।

शैक्षणिक योगयता का जहां वात तो वो 10 वीं की परीक्षा नहीं दे सके थे। पिता लालू प्रसाद यादव को क्रिकेट से चिढ़ थी लेकिन तेजस्वी 19 साल से कम आयु की भारतीय क्रिकेट टीम में 12 वें खिलाड़ी थे । लिहाजा ये नहीं कहा जा सकता कि वो युवाओं के रोल माडल हो सकते हैं।

राजनीति में कई ऐसे चेहरे आए जिनकी शैक्षणिक योग्यता तो नहीं थी लेकिन उन्होंने लंबी सफल पारी खेली ।

दिलचस्प है कि नीतिश की पार्टी ने कभी भी उनका इस्तीफा नहीं मांगा और न नीतिश कुमार ने कभी कहा कि वो त्यागपत्र दें । इस्तीफे की बात तो मीडिया की उपज थी जिसने बिहार की राजनीति में तूफान ला दिया ।

तेजस्वी यदि इस्तीफा दे जनता के बीच अपनी बात से विश्वास जीत लेते हैं तो ये उनकी और उनकी पार्टी की बडी जीत होगी ।सीबीआई ने अभी तक प्राथमिकी ही दर्ज की है, कोई चार्जशीट दाखिल नहीं किया है । सीबीआई को 90 दिन में आरोपपत्र दाखिल करना है । आरोपपत्र से ही तय होगा कि तेजस्वी की होटल की बिक्री में क्या भूमिका थी ।

गठबंधन के टूटने पर नीतिश के लिए बीजेपी ने अपने दरवाजे खुले रखे हैं । नीतिश जानते हैं कि यदि तेजस्वी के मामले में राजद सरकार से अलग भी होता है तो उनकी सरकार पर तत्काल कोई खतरा नहीं है । लेकिन बड़ा सवाल ये कि क्या नीतिश बीजेपी के साथ मिलकर उसी स्वच्छंदता से सरकार चला सकते हैं जैसी अब चला रहे हैं? हो सकता है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ,नीतिश कुमार को सीएम का चेहरा ही नहीं रहने दे और कोई अपना नेता आगे कर दे। बीजेपी अच्छी तरह जानती है कि नीतिश कुमार की बैशाख्री ही उसे बिहार में जमीन दे सकती है ।नीतिश कुमार के साथ सीधी लड़ाई में बीजेपी ने अपना हश्र 2015 के चुनाव में ​देख लिया है ।

गठबंधन बचाने का एक सफल तरीका ये हो सकता है कि तेजस्वी त्यागपत्र दे जनता के दरवार में पेश हो जाएं । यदि वो सफल होते हैं तो उनके लिए बाद में पूरा बिहार होगा ,जहां वो लंबे समय तक अपनी राजनीति कर सकते हैं ।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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