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Mission 2024: KCR आज दिखाएंगे ताकत, रैली में अखिलेश और केजरीवाल भी होंगे शामिल, विपक्ष के एक और मोर्चे का संकेत

Mission 2024: तेलंगाना के खम्मम में आयोजित होने वाली इस रैली में भारी भीड़ जुड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 18 Jan 2023 3:05 AM GMT
Telangana CM KCR rally
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Telangana CM KCR rally (photo: social media )

Mission 2024: तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति के मुखिया के चंद्रशेखर राव (केसीआर) आज एक बड़ी रैली में अपनी ताकत दिखाएंगे। इस रैली को केसीआर की भाजपा के खिलाफ विपक्ष का मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। विपक्षी एकजुटता का संदेश देने के लिए केसीआर ने इस रैली में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा को भी आमंत्रित किया है।

तेलंगाना के खम्मम में आयोजित होने वाली इस रैली में भारी भीड़ जुड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। बीआरएस की ओर से पिछले कई दिनों से इस रैली की जोरदार तैयारियां की जा रही है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) किए जाने के बाद केसीआर का यह पहला शक्ति प्रदर्शन होगा। इसे मिशन 2024 के लिए केसीआर की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है।

रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन की कोशिश

केसीआर ने पिछले साल अपनी पार्टी का नाम टीआरएस से बदलकर राम बीआरएस कर दिया था। केसीआर के इस कदम को राष्ट्रीय राजनीति में उनके सक्रिय होने का संकेत माना गया था। उन्होंने दिल्ली में पार्टी के दफ्तर की भी शुरुआत की थी। पार्टी का नाम बदले जाने के बाद अब वे एक बड़ी रैली के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। केसीआर पिछले साल से ही विपक्षी एकजुटता की मुहिम में जुटे हुए हैं। उन्होंने पिछले साल पटना की यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की थी।

उन्होंने बंगलुरु में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से भी मुलाकात की थी। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से भी केसीआर के अच्छे रिश्ते रहे हैं। मजे की बात यह है कि केसीआर ने इस रैली में नीतीश और और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को न्योता नहीं दिया है। रैली को कामयाब बनाने के लिए बीआरएस के कार्यकर्ता कई दिनों से तैयारियों में जुटे हुए हैं।

रैली के जरिए अखिलेश का क्या है संदेश

उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से दूरी बनाने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव भी इस रैली में शिरकत करेंगे। कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश में अखिलेश के साथ ही बसपा मुखिया मायावती और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को भी यात्रा में आमंत्रित किया गया था मगर इन तीनों नेताओं ने यात्रा से कन्नी काट ली। अखिलेश यादव ने यात्रा के लिए शुभकामनाएं तो दीं मगर सपा की विचारधारा को कांग्रेस से अलग बताया। अखिलेश के इस कदम से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में भी वे कांग्रेस से दूरी बनाकर चलने वाले हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का उनका अनुभव भी काफी कटु रहा है। ऐसे में अखिलेश के कदम से साफ है कि वे कांग्रेस को अलग रखकर विपक्ष की एकजुटता का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। अखिलेश यादव के कदम से साफ है कि वे गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी मोर्चा बनाए जाने के इच्छुक हैं। अखिलेश को कांग्रेस की अपेक्षा क्षेत्रीय दलों की ताकत पर ज्यादा भरोसा दिख रहा है।

क्या देश में बनेगा चौथा मोर्चा

सियासी जानकार केसीआर की इस रैली को देश में चौथा मोर्चा बनने का संकेत मान रहे हैं। देश में पहले मोर्चा के रूप में भाजपा को देखा जाता है जबकि दूसरे मोर्चे के रूप में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की गिनती होती है। तीसरे मोर्चा के रूप में नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं को देखा जाता है।

ऐसे में केसीआर की कोशिशों को देश में चौथा मोर्चा बनने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। कांग्रेस से दूरी बनाकर चलने वाले अरविंद केजरीवाल भी इस रैली में शामिल होने वाले हैं। इसके साथ ही सपा और वाम दलों के नेता भी केसीआर के मंच पर दिखेंगे। अब सबकी निगाहें केसीआर की इस रैली पर लगी हुई हैं। अबे देखने वाली बात यह होगी कि विपक्षी नेता इसे रैली के जरिए एकजुटता का संदेश देने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।

और उलझेगी पीएम चेहरे की गुत्थी

केसीआर ने अपनी इस रैली में कांग्रेस को आमंत्रित नहीं किया है। तेलंगाना में इस साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं और जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केसीआर कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रहे हैं। उनके कदम से साफ है कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उन्हें राहुल गांधी का नाम पीएम चेहरे के रूप में मंजूर नहीं होगा। ऐसे में पीएम चेहरे को लेकर विपक्ष की गुत्थी और उलझती दिख रही है। अब सबकी निगाहें केसीआर की इस बहुप्रतीक्षित रैली पर टिकी हुई हैं।

रैली के लिए आज खम्मम रवाना होने से पहले केसीआर और विपक्ष के अन्य सभी नेता हैदराबाद के पास यदाद्री में भगवान लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर जाकर दर्शन करेंगे। केसीआर की सरकार ने हाल में इस मंदिर का पुनरुद्धार किया है।

बीआरएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद विनोद कुमार ने हैदराबाद से 200 किलोमीटर दूर खम्मम में आयोजित रैली में भारी भीड़ जुटने की उम्मीद जताई है। उन्होंने दावा किया कि इस रैली के जरिए देश में वैकल्पिक राजनीति का नया रास्ता खुलेगा। इसके साथ ही रैली के जरिए विपक्ष की एकजुटता का बड़ा संदेश देने में भी कामयाबी मिलेगी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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