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सरकार ने संसद में कहा: टेलीकॉम टावरों से मानव स्वास्थ्य को खतरा नहीं

Rishi
Published on: 28 July 2017 8:24 PM IST
सरकार ने संसद में कहा: टेलीकॉम टावरों से मानव स्वास्थ्य को खतरा नहीं
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नई दिल्ली: देशभर में टेलीकॉम टावरों के आसपास रहने वाले लोगों को विद्युत चुंबकीय खतरे के बाबत काफी समय से चली आ रही गंभीर शंकाओं पर सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्युएचओ) की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कहा कि ताजा रिसर्च में इस तरह के किसी भी रेडियशन का खतरा नहीं पाया गया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इस तरह के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं जिनके आधार पर यह शंका जताई जाए कि कम ऊंचे टेलीकॉम टावरों से नागरिकों की सेहत पर कोई प्रतिकूल असर डालता है।

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सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण शुक्रवार को केंद्रीय संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने एक लिखित उत्तर में दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि टेलीकॉम कंपनियों को स्वास्थ्य के खतरे को देखते हुए टावर लगाने के लिए ग्राम पंचायतों को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में काफी देर लगती है। इसकी वजह यह होती है कि स्थानीय ग्रामीण टावरों के रेडिएशन्स के खतरों की वजहों से विरोध में उतर आते हैं।

मंत्री ने मोबाइल टावरों व हैंडसेटों से रेडिएशन खतरों के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विगत तीन दशकों से इस तरह के रेडिएशन खतरों के बारे में प्रकाशित करीब 25000 शोध लेखों व वैज्ञानिकों के ज्ञान पर आधारित खोजपूर्ण रिपोर्टों पर भरोसा किया जाए तो कहीं भी रेडियेशन के अस्तित्व की पुष्टि नहीं होती है। बतादें कि टेलीकॉम टावरों से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल दुष्प्रभावों के बारे में राज्यसभा में कांग्रेस के शांताराम नाईक ने संचार मंत्री से उपरोक्त लिखित सवाल पूछा था।

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ज्ञात रहे कि इस तरह के सरकार के ताजा दावे के उलट इस तरह की रिपोर्टें लगातार सुर्खियां बनती रहीं हैं कि आज के दौर में टेलिकॉम टावरों व मोबाईल हैंडसेटों के खतरों से मौजूदा पीढ़ी बेहिसाब तरीके से रेडिएशन के खतरों का शिकार हो रही है। कई विशेषज्ञ यह भी दावा करते रहे हैं कि बेतार तरंगों के रेडिएशन और उच्च शक्ति के रेडियो तरंगों का दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे की घंटी है। बढ़ते शहरीकरण और मोबाईल का प्रचलन बढ़ने से टावरों की तादाद भी उसी तीव्रता से बढ़ी है। महानगरों में कई घनी आबादी वाले क्षेत्रों में समय समय पर जन विरोध भी देखने को मिला है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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