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Deaths in Mecca: गर्मी से 550 हज यात्रियों की गई जान, पारा 52 डिग्री के पार
Deaths in Mecca: मक्का मदीना गए हज यात्रियों में 550 की गर्मी से मौत हो गई। मरने वालों में सबसे ज्यादा नागरिक मिस्र के हैं।
Hajj Pilgrims Death: देश ही नहीं अब दुनिया के कई देशों में गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है। भारत के बाद अब सऊदी अरब में गर्मी से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। दुनियाभर से हज के लिए मक्क मदीना जाने वाले हज यात्रियों को जानलेवा गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। सऊदी अरब में पारा 52 डिग्री के पार जाने से 550 से अधिक हज यात्रियों की मौत हो गई है। ये आंकड़ा पिछले साल से दोगुना हो गया है। पिछले वर्ष हज करने गए यात्रियों में 240 की गर्मी से मौत हुई थी। ये गिनती इस वर्ष 550 को पार कर चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा 323 मरने वाले केवल मिस्र के हैं। मिस्र के साथ ही जॉर्डन के 60 लोगों की गर्मी से जान गई है। इन दो देशों के अलावा ईरान, इंडोनेशिया और सेनेगल के कई लोग मरे हैं। सऊदी अरब के बढ़ते तापमान में हज यात्रा करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
मरने वालों में मिस्र के सबसे ज्यादा यात्री
हज में 550 से अधिक यात्रियों की जान गई है। इसमें सबसे ज्यादा मिस्र के लोग शामिल हैं। 550 में से 323 लोग केवल मिस्र के हैं। रिपोर्ट की माने तो 323 में सिर्फ एक मौत का कारण गर्मी नहीं रहा। बाकी सभी की जान गर्मी से ही गई। मिस्र के साथ-साथ जॉर्डन के 60 लोगों की गर्मी से मौत हुई है। इसको लेकर मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक बयान भी जारी किया। बयान में कहा गया कि हज के दौरान लापता हुए मिस्र के लोगों की तलाश के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
बढ़ता तापमान बन रहा बड़ी चुनौती
बढ़ते तापमान को लेकर सऊदी स्टेट टीवी की एक रिपोर्ट में बताया गया कि सोमवार को मक्का में ग्रैंड मस्जिद की शेड में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भयंकर गर्मी यात्रियों के लिए जानलेवा बनती जा रही है। सभी के स्वास्थय बिगड़ते जा रहे हैं। जर्नल ऑफ ट्रैवल एंड मेडिसिन के 2024 की एक रिसर्च के अनुसार गर्मी से निपटने की सारी रणनीति प्रकृति के सामने फेल होती नजर आएगी। तापमान उन सभी रणनीतियों से आगे निकलनेगा। इसको लेकर 2019 में भी बताया गया था। जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स के 2019 के एक अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण शुष्क सऊदी अरब में तापमान बढ़ने से हज करने वाले तीर्थयात्रियों को अत्यधिक खतरे का सामना करना पड़ेगा।